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२०७. भाषण : अकमिमाना बालिका बुनाई केन्द्रमें

२४ नवम्बर, १९२७

[गांधीजीने] कहा कि आपसे यह अभिनन्दनपत्र और थैली प्राप्त करके मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई है और अकमिमाना बालिका बुनाई केन्द्र (अकमिमाना गर्ल्स वीविंग इन्स्टीट्यूट) का शिलान्यास करनेको निमन्त्रित करके आपने मेरा बहुत सम्मान किया है। मुझे उम्मीद है कि यह केन्द्र प्रगति करेगा। आप सबको शायद यह मालूम नहीं होगा कि कईउपयोगी काम सीखनके सिलसिले में बुनाईका काम भी सीख रहा था । कताई और बुनाई सीखते हुए मैंने पाया कि जिस देश को बुनाई का काम अपनाना है, उसे कताईको भी अपनाना चाहिए। मेरा मतलब यह है कि जब कोई देश स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता के लिए बुनाईउद्योगको अपनाता है तो उसमें कताई भी शामिल है और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जब लंकाशायरमें बुनाई उद्योग प्रारम्भ हुआ, उससे पहले वहाँ कताईका काम जोरोंसे होता था। इस विषयपर ज्यादा विस्तार से कहने के लिए मेरे पास समय नहीं है, लेकिन इतना अवश्यकहूँगा कि यदि आप लंकाको स्वावलम्बी और आत्मनिर्भर देश बनाना चाहते हैं तो आपको भारतकी तरह किसी-न-किसी प्रकारको कताई और बनाईको भी अपनानेकी जरूरत है।

महात्माजीने, मानपत्रमें बौद्धोंको बुद्ध-गया फिरसे दे दिये जानेके बारेमें जो उल्लेख किया गया था, उसकी भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यदि कोई सत्ता-सम्पन्न व्यक्ति मुझे पूरा अधिकार दे दे और मेरे हाथमें एक कलम थमा दे तो मैं उसी क्षण बुद्ध-गया बौद्धोंको दे दूं। दुर्भाग्यवश, इस सम्बन्धम में जो कुछ करना चाहूँगा वह करनेकी मुझमें शक्ति नहीं है, लेकिन में आपको विश्वास दिलाता हूँ कि बुद्ध- गया बौद्धोंको खुद उन्होंकी सम्पत्तिकी तरह उन्हें वापस दिलाने के लिए में कुछ भी उठा नहीं रखूंगा। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि आपको हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, आशा नहीं छोड़नी चाहिए। अपना स्वत्व प्राप्त करना आपके हाथोंमें है, क्योंकि यह एक सर्वस्वीकृत सिद्धान्त है कि जो लोग अपना स्वत्व प्राप्त करनेकी चिन्ता खुद नहीं करते, उन्हें वह कभी नहीं मिलता।

वक्ताने आगे ग्रामीण जीवनकी चर्चा करते हुए कहा कि यदि आप शराबखोरी- को दूर नहीं करते तो आपके गाँव बर्बाद हो जायेंगे। आज सुबह मुझे यह जान-कर बड़ी प्रसन्नता हुई कि इस क्षेत्रमें आपके सुन्दर देशका रूप बिगाड़नेवाला कोई भी शराबखाना नहीं है। इस उपलब्धिके लिए मैं आपको बधाई देता हूँ। इस भवनमें उपस्थित बौद्ध भिक्षुओंसे में अनुरोध करूंगा कि वे जनताको पूर्ण मद्यनिषेधके मार्गपर