श्री ईसप मियाँने गाढ़े समयपर बहुत ही अच्छे ढंगसे राष्ट्रकी सेवा की है। उनके पास धन है, बुद्धि है, बहादुरी है और वैसा ही कसा हुआ उनका शरीर है। इस सबका उपयोग इस समय वे समाजके लिए कर रहे हैं। उन्होंने अपना समय दिया, मार खाई; और अब समाजके लिए फेरी लगा रहे हैं। यदि थोड़े दिनोंमें वे भी जेलवासी बन जायें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
बॉक्सबर्गके दो भारतीय
श्री आदम और श्री मंगलसिंह, दोनों बिना परवानेके फेरी करने के अपराधमें पकड़े गये थे। उनका बचाव करने के लिए---मैं गलती कर रहा हूँ, उन्हें जेल भेजनेके लिए---श्री पोलक गये। श्री गांधी जोहानिसबर्गमें ऊपर कहे गये मुकदमोंके लिए रुक गये थे। श्री आदम मूसाको एक पौंड जुर्मानेकी अथवा सात दिनकी सादी कैदकी सजा दी गई। श्री आदम मूसाने जेल कबूल की। श्री मंगलसिंह अमंगली निकले। उन्होंने अदालतके बाहर बड़ी-बड़ी बातें कीं, जिससे लगा कि वे तो जेल जायेंगे। किन्तु अदालतमें बयान भी लँगड़ा दिया। इस कारण मजिस्ट्रेटने दो पौंड जुर्मानेकी अथवा आठ दिनकी सख्त कैदकी सजा सुनाई। श्री (अ) मंगलसिंहने जेल स्वीकार नहीं की, दो पौंड जुर्माना दे दिया।
दूकानें बन्द
श्री इमाम अब्दुल कादिरके जेलमें जानेके बाद अदालतके बाहर एक मैदान में सैकड़ों भारतीयोंकी सभा हुई। उसमें प्रस्ताव हुआ कि सारे दक्षिण आफ्रिकामें सभी दुकानें और काम शुक्रवार और गुरुवारको बन्द रहने चाहिए। हर जगह तार भेज दिये गये हैं कि सारे भारतीय दूकान, फेरी आदिका काम बन्द रखें।
रायटरका तार
रायटरने इस सम्बन्धमें अपना तार भेजा है और, वैसे ही, हमीदिया इस्लामिया अंजुमन तथा संघने भी तार भेजे हैं। हमीदिया इस्लामिया अंजुमनका तार निम्नलिखित है:[१]
हमीदिया इस्लामिया अंजुमनके अध्यक्ष तथा मस्जिदके इमाम और अन्य भारतीय नेताओंको कानूनके खिलाफ जानेके अपराधमें सख्त कैदको सजा मिली है। भारतीयोंने दक्षिण आफ्रिकामें शोक मनानेके लिए हड़ताल की है। यदि हम बहुत पढ़े-लिखे भारतीयोंके आनेकी मनाही स्वीकार कर लें, तो कानून रद करनेकी बात कही जाती है। हम इसे बिलकुल स्वीकार नहीं करते।
इस प्रकारका तार कलकत्ता, मद्रास, पंजाब, बम्बई और लाहौरकी अंजुमनोंके नाम और उसी प्रकार अलीगढ़में अखिल भारतीय मुस्लिम लीग तथा विलायतमें जस्टिस अमीर अलीके नाम भेजा गया है।[२]