आबादीमें जबरदस्ती वृद्धि होगी और, फलस्वरूप, आन्दोलन होगा । निःसन्देह नेटालके कुछ उद्योगों को गिरमिट प्रथा बन्द होनेसे प्रारम्भमें कुछ क्षति पहुँचेगी; किन्तु में यह सोचे बिना नहीं रह सकता कि उपनिवेशमें एक स्थायी दुःखद दृश्य मौजूद रहे, इसकी अपेक्षा तो उन उद्योगोंको क्षति पहुँचने देना अधिक अच्छा है। उन विशेष उद्योगोंको मुआवजा दे दिया जायें, यह भी एक तरीका हो सकता है। किन्तु गिरमिटिया मजदूरोंको लाना जितनी जल्दी हो सके, बन्द करना चाहिए ।
अन्तमें श्री गांधीने कहा कि इस मामलेमें भारतीयोंपर सवैव भरोसा किया जा सकता है, वे इस प्रथाको बन्द करने के लिए उतने ही व्यग्र हैं जितना कोई उपनिवेशी हो सकता है। में केवल यही आशा करता हूँ कि श्री ईवान्स, जिन्होंने इस प्रथाके विरुद्ध अपना जिहाद आरम्भ किया है, तबतक सन्तुष्ट होकर न बैठेंगे जबतक यह प्रथा समाप्त नहीं कर दी जाती ।
नेटाल मर्क्युरी, १-१०-१९०८
४१. तार : उपनिवेश-सचिवको
[ डर्बन ]
अक्तूबर, २, १९०८
पी० एम० वर्ग
नेटाल भारतीय कांग्रेसको ज्ञात हुआ है कि कुछ ब्रिटिश भारतीय 'गवर्नर'[३] से आये हैं। उनके पास ट्रान्सवाल विवासके प्रमाण हैं । प्रवासी अधिकारी जहाजपर चढ़नेके अनुमतिपत्र नहीं देता। यात्रियों में कुछ नाबालिग बच्चे हैं जिनके माता-पिता ट्रान्सवाल में से उन्हें लेने आये हैं। अधिकारी कानूनी सलाहकारोंको यात्रियोंसे मिलनेकी अनुमति नहीं देता। कांग्रेस इसे क्रूरता और अन्याय मानती है। प्रार्थना है, यात्रियोंसे मिलने की अनुमति दें और अधिकारीको आदेश दें कि जहाजपर चढ़नेके अनुमतिपत्र दे । कांग्रेस आश्वासन देती है ये लोग ट्रान्सवाल जा रहे हैं ।
नाइसली
- गांधीजी स्वाक्षरों में मूल अंग्रेजी मसविदेकी फोटो नकल (एस० एन० ४८८९) से ।