आशा है, तुम देवीबहन[१] और श्रीमती पायवेलको[२] देखने भी अक्सर जाते रहते होगे।
गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती प्रति (सी॰ डब्ल्यू॰ ८८) से।
सौजन्य: सुशीलाबेन गांधी।
२५५. पत्र: लॉर्ड क्रू के निजी सचिवको
[लन्दन]
सितम्बर १०, १९०९
नीचे दिया गया तार जोहानिसबर्गसे मिला है:
श्री वरनॉन, जिनका तारमें उल्लेख है, सुपरिटेंडेंट वरनॉन हैं। उनको मैं अच्छी तरह जानता हूँ। उन्होंने, मेरी रायमें, जोहानिसबर्ग में अनाक्रामक प्रतिरोधियोंको असीम कष्ट दिया है। अवश्य ही उक्त बात कहनेका उनका ढंग ऐसा सन्तापजनक रहा होगा कि उसपर मजिस्ट्रेटको उन्हें फटकार देनी पड़ी और 'ट्रान्सवाल लीडर' तथा 'जोहानिसबर्ग स्टार' को उनकी कड़ी आलोचना करनी पड़ी।
मेरे देशवासियोंको ट्रान्सवालमें स्वेच्छापूर्वक स्वीकार किये कष्ट सहनमें क्या-क्या बर्दाश्त करना पड़ता है, इस तारसे उसका संकेत मात्र मिलता है। लेकिन मेरे साथीके लिए और मेरे लिए शिकायत करनेका कोई कारण नहीं हो सकता। साथ ही हम अनुभव करते हैं कि हमें इस तारकी ओर लॉर्ड क्रू का ध्यान आकर्षित करना ही चाहिए। मैं नहीं जानता कि लॉर्ड क्रू ने जनरल स्मट्सका वह वक्तव्य देखा है या नहीं, जो उन्होंने दक्षिण आफ्रिकाके लिए जहाजमें बैठने से पहले रायटरको दिया था। उसमें उन्होंने निम्न बातें कही थीं:
हमने इसको बात कहनेका सुन्दर ढंग मात्र माना है और समाचारपत्रोंमें उसका उत्तर नहीं दिया है, ताकि जनरल स्मट्स अपने दलकी किसी आपत्तिके बिना भारतीयोंकी प्रार्थनाको स्वीकार कर सकें। किन्तु यदि उनका अभिप्राय वही है जो उन्होंने रायटरके प्रतिनिधिको बताया था तो क्या मैं यह कह सकता हूँ कि ट्रान्सवालसे प्राप्त सूचनासे इसके