मैं आपको टॉल्स्टॉयकी एक पुस्तिका भेज रहा हूँ । इसे आप पढ़ें । मेरा खयाल है, यह बहुत अच्छी है।
श्री अब्दुल कादिर कल दक्षिण आफ्रिकाको रवाना हो रहे हैं। इसलिए अब यहाँ केवल श्री आंगलिया और श्री हाजी हबीब रह जायेंगे।
मैं इसके साथ श्री फेल्पका पत्र और श्री रूज़वेल्टके नाम लिखा गया एक पत्रक (पैम्फलेट) भेज रहा हूँ।
टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ ५१४४) से।
३१८. शिष्टमण्डलकी यात्रा [–१७]
[अक्तूबर २२, १९०९]
मैं तो थक गया हूँ। मुझे लगता है कि पाठक भी अनिश्चित खबरोंसे थक गये होंगे। अभी लॉर्ड क्रू के पाससे निश्चित खबर नहीं मिली है, इसलिए पत्र-व्यवहार जारी है। जबतक वे हमें साफ-साफ जवाब नहीं दे देते, तबतक लोगोंको कोई बात न बताना ही ठीक लगता है। लॉर्ड ऍम्टहिलने भी यही सलाह दी है।
अभी जोहानिसबर्गसे तार मिला है कि वहाँ इक्कीस लोगोंपर मुकदमा चलाया गया था और उन सभीको तीन-तीन महीनेकी जेल दे दी गई है। इन लोगोंमें श्री अस्वात और थम्बी नायडू भी हैं। इसके अलावा श्री सोराबजी, श्री जोशी और श्री मेढको देशनिकाला दिया गया है। मैं इन सब भाइयोंको बधाई देता हूँ और ईश्वरसे प्रार्थना करता हूँ कि वह उनको पूरा बल दे। मेरी नजरमें यही [बल] सच्चा शिष्टमण्डल है। इसमें [सफलताकी] चाबी है। जब मुझे श्री अस्वात और श्री सोराबजीकी सेहतका खयाल आता है तब मैं कुछ काँप भी जाता हूँ। फिर भी मैं जानता हूँ कि सेहत खराब हो या अच्छी, जेल जाना ही ठीक है; इसलिए मैं तुरन्त धीरज बाँध लेता हूँ।
इस समय मेरी यही इच्छा है कि श्री दाउद मुहम्मदको ट्रान्सवालमें प्रवेश करते हुए देखूँ। तबीयत अच्छी हो या खराब, सैनिक उसके लिए ठहर नहीं सकता। मेरा विश्वास है कि तबीयत खराब हो तो भी देशकी खातिर जेल भोगना हमारा कर्तव्य है। मेरा खयाल है कि श्री दाउद मुहम्मदपर बहुत से भारतीय स्नेहवश तबीयत अच्छी हो जानेपर ही मैदानमें आनेके लिए दबाव डाल रहे हैं। मेरी उनसे विनती है कि वे ऐसी सलाह न मानें। जो ऐसी सलाह देते हैं उनसे भी प्रार्थना है कि वे कौमके भलेकी खातिर श्री दाउद मुहम्मदको एक घड़ीके लिए भी न रोकें। यहाँ [मताधिकारके लिए] लड़नेवाली स्त्रियाँ बुरी सेहतकी परवाह न करके जेल जाती हैं। इतना ही नहीं, वे जेलमें जाकर बिल्कुल खाना नहीं खातीं। लड़ाईमें पड़ना तो सिर हथेलीपर रख लेना है। इसलिए सबसे मेरा नम्र निवेदन है कि वे श्री दाउद मुहम्मदको न रोकें; बल्कि जैसे पहले हजारों
१. देखिए "पत्र: लॉर्ड क के निजी सचिवको", पृष्ठ ४९३।