सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:साहित्यालाप.djvu/३२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२७
नई रोमन-लिपि के प्रचार का प्रयत्न



दूर हो कैसे सकेगी? यदि आप ही की आविष्कृत लिपि का प्रचार हो जाय तो क्या प्रचार की आज्ञा निकलते ही भारत की निरक्षरता नष्ट हो जायगी ? कोस भर दूर षट्रस भोजन रख देने से क्या भूखे की भूख कभी जा सकती है ? स्कूलों और कालेजों में भरती होने की इच्छा रखनेवाले लड़को को, जगह को कमी बता कर, निकाल देने से निरक्षरता नहीं दूर हो सकती।

निरक्षरता दूर होगी गाँव गाँव में स्कूल खोलने और शिक्षा के लिए अधिक रुपया ख़र्च करने से। सम्राट् से ले कर साधारण सरकारी अफसर तक इस बात को जानते हैं । शिक्षा-प्रचार के लिए यदि काफ़ी रुपया खर्च किया जाय और शिक्षा की प्राप्ति अनिवार्य कर दी जाय तो देखिए फिर भारत की निरक्षरता कितने दिन टिकती है। पादरी साहब, यदि आप भारत के सच्चे शुभचिन्तक हैं और उसकी निरक्षरता से आप के दिल पर सचमुच ही चोट लगी है, तो नई रोमन-लिपि के आविष्कार और प्रचार की चेष्टा छोड़ दीजिए । चेष्टा इस बात की कीजिए जिससे प्रारम्भिक पाठशालाओं की संख्या की वृद्धि हो और सरकार इस समय शिक्षाप्रचार के लिए जितना रुपया खर्च करती है उससे अधिक खर्च करे। यह आपको मंजूर न हो तो मुनिव्रत ही धारण किये रहिये। हम इसीको अपनी बहुत बड़ी सहायता समझेंगे ।

यहां पर हम अपने मुसलमान भाइयों से एक प्रार्थना करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि वे पादरी साहब के उस