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पृष्ठ:साहित्यालाप.djvu/३२६

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विचार-विपय्यय



निकालने के लिए "आज" शब्द के आगे “दिन" शब्द और जोड़ देना चाहिए । उदाहरणार्थ---

"आज-दिन हिन्दी साहित्य-संसार में हास्य-रस की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ है"।

अभी तो "आज-दिन" ही को गयज करने की चेष्टा की गई है । आगे चल कर कभी शायद "कल-दिन" को भी दाद मिल जाय । हाँ, इस अवतरण में एक बात और भी ध्यान देने योग्य है। "आकृष्ट” कहने से बहुत लोग शायद यह समझते कि ध्यान आप ही आप भी किसी ओर खिँच सकता है । मगर इस तरह का अर्थ यदि कोई निकाले तो वह होगा सरासर ग़लत ! कहीं ध्यान भी आप ही आप किसी तरफ़ जा सकता है ? जाने के लिए किसी और के द्वारा उसके खीचे जाने की ज़रूरत होती है । अतएव "आकर्षित" हुआ शुद्ध प्रयोग और "आकृष्ट" है अपप्रयोग!

काल-वाचक शब्दों के प्रयोग के सम्बन्ध में नव्य लेखकों ने एक और भी आविष्कार किया है। हिन्दी के अल्पज्ञ लेखक लिखते हैं-

जब मैं काशी जाऊँगा तब आपको भी बुलाऊँगा।

यहाँ, इस उदाहरण में, जल और तब ये दोनों ही शब्द काल-वाचक हैं । अतएव प्रयोक्ता जनों की राय में उनका यह वाक्य सर्वथा शुद्ध है । परन्तु हिन्दी के नवीन उन्नायकों की