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पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/१८२

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उन्नीसवाँ अध्याय मन मारकर उल्टा सीधा वादन करते रहते हैं। ऐसे अवसर पर तबला वादक की बन पाती है और वे वादक को शिथिल देखकर धड़ाधड़ अपना काम पेश करना प्रारम्भ कर देते हैं। बेचारा वादक बिल्ली से चूहे की तरह दबकर रह जाता है। अतः सितारवादक को चाहिये कि प्रारम्भ में यथा-संभव छोटी-छोटी तानों का प्रयोग करे और अपने मस्तिष्क से तुरन्त नई-नई तानें सोचकर प्रयोग करे। बाद में जब तबला वादक बड़ी चीजों को बजाना शुरू करदे तो फिर अपनी याददाश्त को काम में लाए और एक-एक चीज का जबाब देकर श्रोताओं पर अपना प्रभाव डाले। १६-किसी कार्यक्रम में यदि आपको १२ घंटे सितार वादन करना पड़े तो सर्वप्रथम अति विलम्बित लय में आलापचारी शुरू करें और बड़ी गत भी अतिविलम्बित लय में बजाएँ, तत्पश्चात उसी गत में कुछ-कुछ काल के पश्चात लय बढ़ाते हुए बजाएँ, इसके बाद द्रुत गत । इस प्रकार डेढ़ घंटा आसानी से व्यतीत हो जायगा। इस कार्यक्रम के बाद जब दूसरा राग शुरू करें तो उसमें आलापचारी विलम्बित लय में नहीं होनी चाहिये अन्यथा श्रोतागण ऊब जायेंगे। उस समय आप राग के प्रवेशक स्वरों को जल्दी से बजाकर मध्यलय में बहुत थोड़ा आलाप करें और बड़ी गत मध्यलय में शुरू करके छोटी गत को अति द्रुतलय तक लेजाएँ, ताकि पहले कार्यक्रम पर आपका दूसरा कार्यक्रम छाजाय । मान लीजिए सर्व प्रथम आपने यमनकल्याण या देश राग बजाया है और अन्त में भैरवी बजाकर कार्यक्रम समाप्त करना चाहते हैं तो ऐसी स्थिति में जब भैरवी प्रारम्भ करें तब नि सा ग म प ध प, ग रे, नि ध, प ध प, पनि सा म ग, प नि सा रे सा, सा ग रे म ग रे ग सारे ऽ सा यह स्वर- (रे पर केवल मीड द्वारा) समुदाय एकदम १५ सैकिन्ड के अन्दर बजा दें। इससे श्रोताओं में एकदम आपका कार्यक्रम पुनः सुनने के लिए नई चेतना आ जायगी। पहले राग के प्रभाव से उत्पन्न मनःस्थिति पर आप विजय प्राप्त कर लेंगे। २०-घर में सितारवादक को अपने पास कुछ आवश्यक सामान रखना चाहिये जो कि किसी भी समय सितार के लिए काम आ सकता है जैसे:-पेचकस, मुलायम कपड़ा, बैरोजा, तार काटने वाला प्लास, चिमटी, कुछ मिज़राबें, ब्लेड, चाकू, कैंची, पर्दे बांधने के लिए तांत अथवा रेशमी पैराशूट की बारीक डोरो अथवा मछली पकड़ने में काम आने वाली डोर, प्रत्येक तार के कम से कम चार-चार सैट, हथौड़ी, गेज्ज (यह तार नापने का होता है ताकि आप अपने नम्बर का तार देखकर स्तेमाल कर सकें। सदैव एक से ही नम्बर का तार स्तैमाल करना चाहिये अर्थात् जो लोग २२ नं० का बाज का तार लगाते हैं उन्हें सदैव २२ नं० का तार ही लगाना चाहिये और जो २१ या २३ नं० का लगाते हैं उन्हें वैसे ही तार स्तेमाल करने चाहिये अतः गेज़ आपको तार का ठीक नंबर बता देगा ।) २-३ मनका, गोले का तेल ( क्योंकि यह चिकटता नहीं ) आदि। ये वस्तुऐं सितार के लिये बड़े काम की हैं अतः एक छोटे डिब्बे या बटुए में रखकर प्रदर्शन के समय भी आप ले जा सकते हैं क्योंकि कभी- कभी वहाँ भी अचानक किसी वस्तु की आवश्यकता पड़ सकती है। तार तो अवश्य ही रखने चाहिए। प्लास न हो तो तार को काटने के लिये, हाथ से उसको मोड़कर एक बल दे देना चाहिये फिर उसे खींच कर तोड़ लेना चाहिये । --