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पृष्ठ:सुखशर्वरी.djvu/२

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राजसिंह।

ऐतिहासिक उपन्यास

बङ्गसाहित्य सम्राट बाबू बङ्किमचन्द्र चटर्जी महोदय के सुप्रसिद्ध उपन्यास "राजसिंह" का यह सुन्दर हिन्दी अनुवाद है बङ्किम बाबू के लिखे हुए कुल उपन्यासों का यह शिरोभूषण है राज- कुमारी चञ्चल का लड़ापन और धर्मदृढ़ता, उदय- पुर के क्षत्रिय-कुलभूषण भारत गौरव महाराणा राजसिंह का आश्रितवात्सल्य और वीरत्व, माणिकलाल की चालाकी और प्रभुभक्ति, राजपूत कन्या जोधपुरी बेगम का जातीय जोश, औरङ्गजेब । का चरित्व चाचल्य मुसलमानों से राजपूतों का भीषण युद्ध और जेबुन्निसा प्रभृति मुगलराज-कन्याओं। का कुत्सित-चरित्र प्रभृति का चित्र इसमें बड़ी निपुणता से खींचा गया है। इस पुस्तक के पढ़ने से हृदय में कभी वीरता, कभी करुणा और कभी क्रोध उत्पन्न होता है। इतिहास की जानने योग्य बहुत सी बातें मालूम होती हैं। हम जोर देकर कहते हैं, कि ऐसा सुन्दर ऐतिहासिक उपन्यास हिन्दी भाषा में अबतक नहीं छपा था । मूल्य २॥ ढाई रुपए, डाक व्यय चार आने । 1-वा Pथा