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पृष्ठ:सोमनाथ.djvu/५३

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दास भागेगा कहाँ, उसे खोजकर दण्ड दूंगा।” परन्तु रमाबाई ने उन्हीं गोल-गोल आँखों से घूरकर कहा, “पाप कटा! घर में जवान विधवा बेटी है। चला गया, अच्छा ही हुआ।"