पृष्ठ:सौ अजान और एक सुजान.djvu/१२५

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टिप्पणी-सहित कठिन-शब्दार्थ-सूची

सांकेतिक शब्द—(सं॰ से संस्कृत। अलं॰ से अलंकार। अ॰ से अरबी। फ़ा॰ से फ़ारसी। अँग॰ से अँगरेज़ी।)

पहला प्रस्ताव

खोटा—(सं॰ क्षुद्र) दुष्ट।
तातो—(सं॰ तप्त) जलता हुआ, गरम।
दुर्व्यसनी—बुरा शौक़ करनेवाला; फ़िज़ूल-ख़र्च; अपव्ययी।
"दुर्व्यसनी……लगे हैं"—यहाँ पर उपमा अलंकार है।
"मानो प्रकृतिदेवी……चाहती है"—इसमें उत्प्रेक्षा अलंकार है।
प्रेयसी—प्यारी, प्रियतमा।
"मानो हँस-सा रहे हैं"—उत्प्रेक्षा अलं॰।
"जिसकी सम-विषम……व्याप रही है"—उपमा अलं॰।
सम-विषम भू-भाग—ऊबड़-खाबड़ धरती।

वितान—चँदवा।
"मानो वितान रूप……दिया गया है।"…उत्प्रेक्षा अलं॰।
"मालूम होता है……होड़ लगाए हुए हैं"—उत्प्रेक्षा अलं॰।
होड़—स्पर्धा।
"मोती-से चमकते……उपहार बन रहे हैं"—समासोक्ति अलं॰।
निशानाथ—(निशा=रात, नाथ=स्वामी); चंद्रमा।
निशा-वधूटी—रात्रिरूपी नव (नई) वधू (बहू)।
"चाँदनी……धरती"—अपह्रुति अलं॰।
"यहाँ कन्या……प्रस्तुत है"—समासोक्ति अलं॰।