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पृष्ठ:हड़ताल.djvu/३०

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अङ्क १]
[दृश्य १
हड़ताल

जायँगे। अगर आँसू पोंछने की कोई बात है, तो यही कि मज़दूर लोग और भी चौपट हो जायँगे।

एडगार

[अन्डरवुड से]

क्यों फ्रैंक, आज कल उनकी असली हालत क्या है?

अन्डरवुड

[उदासीन भाव से]

बहुत खराब!

वाइल्डर

लेकिन यह कौन समझ सकता था कि वे इतने दिनों तक बिना सहायता के डटे रहेंगे!

अन्डरवुड

जो उन्हें जानते हैं वे समझे हुए थे।

वाइल्डर

मैं हाथ मारकर कहता हूँ कि यहाँ उन्हें कोई नहीं जानता! अच्छा, टिन का क्या रंग है? दिन दिन तेज़

२१