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पृष्ठ:हड़ताल.djvu/४८

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अङ्क १]
[दृश्य १
हड़ताल


अपना भला चाहते हैं जैसे आप लोग अपना भला चाहते हैं-

[कटु स्वर में]

आप की मोटर गाड़ियाँ, और शामपेन और लम्बी लम्बी दावतें।

ऐंथ्वनी

अगर मज़दूर लोग काम पर आ जायँ तो हम उन के साथ कुछ रिआयत कर देंगे।

हार्निस

[व्यंग से]

आप लोगों की भी यही राय है साहब? आप-आप-आप?

[डाइरेक्टर लोग जवाब नहीं देते]

ख़ैर, मैं यही कह सकता हूँ कि इस ध्वनि में रईसों का घमंड और रोष भरा हुआ है जिसका मेरे खयाल में अब ज़माना नहीं रहा-लेकिन मालूम होता है मैं ग़लती पर था।

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