पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२२२

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सन् १८३२, वि० संपावास के चरित्र का पणेन । | सोलर निधि निर्णय --साजीबाई (श्री }कता ३० (--) वि० प्रतिपदा से प्रमायस्था तक भार पूर्णिमा सेवादास भी की बानी-सेवाशप्स लि० का मन्ति, पान, योगादिरे एक में निर्थय । घ.y, पि० शानोपवेग । ० १०(क-२३०) (Y-RE) सोहनलाल (चौत्र)-सरणनपुर ( मथुरा) सेनाराम-ग्वाम पि पिता मधुरा-मियाप्ती निशी, शाहिक मोरे प्रामण थे। जाति के प्रममा माझण, सं० १t के पूर्व बार गौरिका सि(२५) वर्तमान थे। ३० (-१) (M-ee) (-०) सौंदर्य चंद्रिकाप्पधेतम्य वेय MERO सेप पिथिरामपरासत, निकास का.स.१९२२, दि० रापानणों के १६५०वि० भीयानजी की खेपा र सौर्य का वर्णन । ३० (स-३०२) की विपि का वर्णन । ३० (-२१५ पफ) सौभागरि-लालबन्द्र के गुरु, अन धर्मानुयायी सैपद पार-सेयर इमना के पुत्र के विषय | स० १७३९ के पूर्व पर्तमान । दे०(ग-3) मे भौर पुष मामात महा। सीरोग चिकित्सा-पाशा साहब मुमार रस रणगार ०(ज-०३) छव, विवेचक दे०(म-१२) सैयद पाकर-गुलाम मवी ( रखतीम) के पिता, | स्फुट पिच-पदणाम का मि० स्फुट कपिनों स०७४क पूर्ण कामाम बिलग्राम निवासी का सग्रह। दे० (भाई) थे। (च-स) स्फुट विच-माण भौरे वि० रु- सोन गरि--- रसुवर्णदेखि जमपुरमण की स्तुति २०(८-१००री) रानी, पधायातमी समदाय की पैप्प वा। फट दोश-राजा पप्पीसिंह कि स्कूट सुश्य विकारिता दे० (-२) रोहों का सह । दे० (4) सोने-पवरपुर राम { पुवेतर के सस्था एफुट दोश कवित्त--आनको दास, पिन पका स०१४मग मामा अमर मन कविताओं का समह । ३० (६-५३५) विमाभपवाया थे।३०(१-३) फूट पद-रामहम्म खीरे इस वि० प्रार्थना सोमनाप-पीसकर कपुस 108 के लग मौर स्तुति । ० (-१०० सी) भा धर्तमामा भरतपुर के पर बहादुरसिंह फुट पद टीका-प्रियावास ला नि. ० सं० मोरमवपर-नरेश प्रतापसिंह के माभित थे। १६.६ लि. का० स०१४१६५ पि०दितहरियश सातिमापुरपौवे माहब,मथुरा निवासीथे। पों की टीका । दे०(-२५ सी) यश विसीय कारक() स्पामराप--द्रमार पुत्र मारया निवासीग रत पौदा वि.(X-R) जाति कापम्प हममग पर्स चीनी पंगवायो ६०(ब-पी) मान रामकरण कपिता। 7