[ ६२ ] दयाकृष्ण-ये बुंदेलखंड निवासी जान पड़ते हैं, | दयाराम-नके विषय में कुछ भी ज्ञात नहीं। इनके विषय में और कुछ भी ज्ञात नहीं । सामुद्रिक दे० (छ-५४) फुटकर कविता दे० (छ-२६ ए ) दयाराम-लच्छीराम के पुत्रः सं०७७६ के लग- पदावली दे० (छ-२६ बी)' भग धर्तमान, दिल्ली निघासी; बेनीराम के गुरु । दयादास-ये बुंदेलखड निवासी जान पड़ते हैं। दया चिन्नास (ग-११४) ( स्व-५०) (ज-६३) विनयमाल दे० (छ-२५) (स्व-२०६) दयादास ( भट्ट -सं० १६७५ के लगभग वर्त- दयागम-घदन फयि के पितामह थे। दे० मान: जाति के भाट थे, मेवाड़ के राणा कर्ण (च-५७) सिंह के आश्रित । दयाराम-जोधरी (भागरा) के जमादार, अनि रानारासा दे० (ज-६१), रुद्धसिंह और दलेलसिंह के भाई; सं०१८२६ के लगभग वर्तमान. कुशल मिश्र के श्राश्रयदाता दयादीपक-द्याल कवि कृत; नि० का० सं० १८८७, लि० का० सं० १८८: वि० धर्म और थे। दे० (क-५७) नीति । दे० (ज-६०) दयाराम-बरताघर कवि के आश्रयदाता; सं० १८६० के लगभग वर्तमान । दे० (ख-५६) दयानंद सरस्वती स्वामी-सं० १८८० से १६४० तक वर्तमान, आर्य समाज के संस्थापक प्रसिद्ध | दयाविलास-दयाराम कृत; नि० का० सं० संन्यासी; जाति के ब्राह्मण, मोरवी राज्य ! १७७६; लि० का० सं० १९१३, वि० वैद्यक । ( काठियावाड़) निवासी, इन्होंने प्रारंभ में दे० (ख-५०) (ग-११४) (ज-६३) प्राचीन रीत्यानुसार शिक्षा पाई थी; कर्नल | दयाल कवि-स० १८८८ के लगभग वर्तमान अल्काट से इनकी भारतेन्दु हरिश्चद और गुजराती ब्राह्मण, यनारस निवासी, डाकर राजा शिवप्रसाद सी० एस०आई०के सामने जेम्स डंकन के कहने से इन्होंने ग्रंथ की बात चीत हुई थी। रचना की। स्वामीदयानंद का जीवन चरित्र दे० (ज-३१५) दयादीपक दे० (ज-६०) दयानंद स्वामी का जीवनचरित्र-खामी दया- दयाल जी का पद-संग्रहकर्ता अशात, वि०निम्न नंद सरस्वती कृत, नि० का० सं० १६३६ लि. लिखित साधुनों के पदों का संग्रह; (१) हरी का० सं० भी यही है, वि० स्वामी दयानंद दास (२) मीरा (३) तुलसीदास (४) दास सरस्वती का जीवन चरित्र और उनके गोविन्द (५) बुधानद (६) परमानंद (७) सिद्धांत । दे० (ज-३१५) सूरदास () जन छीतम (8) वाजिन्द (१०) दयानिधि-डोडियाखेरा (अवध) के राजा कबीर (११) भीम (१२) नंददास (१३) जन अचलसिंह के आश्रित। तुलसी (१४) सुंदरदास (१५) अग्रदास (१६) शानिहोत्र दे० (ज-६२) ग्यास (१७) नरसी (१८) रामो (१६) कूची