पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/११९

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कि अकबर ने अपने मरने से पहिले कितनी बड़ी साहल बताई थी। 2 महानिकला था और जो काम करता बहुत समझ कर करता था। उसने यह देखा कि मेरा अधिकार ढ़ तभी हम हिन्दू असे प्रीति रखेंगे। इससे उसने हिन्दुओं के साथ बहुत का दावा किया। वह जैसी कृपा झुएलानों पर करता था वैसेही सपने राज्य के हिन्दुओं पर। उस ने हिन्दुओं के मन्दिर नहीं बरवाडे न उन की भूमिया खोड़ी और न उनको दुःख दिया । हिन्दू राजा भी होता तो अकबर से बढ़कनः पया कर सकता था। ८ राजपूत अपात्र को सहन साइते थे। पहिले तो राजपूतों ने यह समझा था कि पठान बादशाहों की तरह अलवर, भी उस को दुःख देगा और वह अकबर का कहना न मानते थे। अकबर बी उल से लड़ना पड़ा पर उन्हों ने आन लिया कि अकबर बड़ा बली और बड़ा वीर है इस से वह अकबर से डरने लगे और उससे प्रति भी करने लगे क्योंकि राजपूत बड़े उदार होते हैं और वीरों को अच्छा समझते हैं। अकबर ने पहिले राजपूत राजाओं को परास्त किया पीछे उन को अपना मित्र बना लिया राजाओं का अधिकार दिया कि अपने देश पर राज करें; केवल सड को अपना सम्राट मारते रहे और जब कमी बैरियों से लड़ने का अवसर आ पड़े तो सेना लेकर उसकी उल ने राजपूत