पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/१३९

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मुगल सम्राट् था जिस को वास्तव में कुल शक्ति थी। वह बड़ा प्रबल प्रतापी राजा था और उस ने अकबर की भांँति पचास बरस राज किया। पर अकबर में और उस मैं बड़ा भेद था। उस की माँ राजपूत राजकुमारी न थी। बरन मुमताज महल थी जिस का हाल हम तुम को अभी वता चुके। यह कट्टर मुसलमान थी और कदाचित् यही कारण है जिस से औरङ्गजेब अपने बाप और दादा की भाँति हिन्दुओं पर दया न करता था! उस ने हिन्दुओं और राजपूत राजाओं के साथ खेला कड़ा बर्ताव किया कि वह उस से बिगड़ गये और बहुत से हिन्दू राजा स्वतन्त्र न बैठे।

२--तुम यह पढ़ चुके कि अकबर हिन्दुधों के साथ बड़ी

प्रति करता था। वह बहुत ही अच्छा और बड़ा दयालु राजा था और राजपूत और और हिन्दू जातियाँ उस के राज में बहुत प्रतक्ष थीं। अकबर के राज में औरों को बिना दुख दिये जिस का जो जी चाहता था कर सकता था। अकबर ने कभी इस बात का उद्योग न किया कि लोग अपने बाप दादों का धर्म छोड़ कर मुसलमान हो जायँ। अकबर के बेटे जहाँगीर और उस के पोते शाहजहांँ ने भी हिन्दुओं के साथ ऐसा ही बर्ताव किया।

३-पर औरङ्गजेब गुलमों ही का विश्वास करता था।

उस ने अपनो नौकरी से बहुत से हिन्दू छुड़ा दिये। उस ने हिन्दुओं पर एक कर लगा दिया जो मुसलमान धर्म के