पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२२८

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सेना भी न थी। उन्हों ने कलकत्ते से लेना बुलवाई। यहाँ भारेन हेस्टिार जो गवरनर जेनरल था उस ने एक सेना एक वीर सरदार सर आयरकूट की कमान में भेजी। हैदर को जैसूर भगा दिया। बरसों तक लोग हैदर के करनाटक की चढ़ाई और असूर के सवारों की क्रूरता की कहानियाँ कहते रहे। ४६-टीपू सुलतान अंग्रेजों से लड़ाई। १-हैदरअली के मरने के पीछे उस का बेटा टीपू सुलतान हुआ। उस ने पचास बरस तक राज किया। वह हैदर ही सा वीर था पर न तो वह वैसा बुद्धिमान ही था उसने देखा अच्छा राज किया। हैदर मुसलमान था पर उसने कमी हिन्दुओं को मुसलमान होने के लिये बाध्य न किया। उस ने उन को सदा अपने सत पर रोक टोक चलने दिया ! टीपू ने हिन्दू राज्यों से जो मैसूर के आस पाल थे लड़ता और हिन्दुओं को मुसलमान होने के लिये बाध्य करता और जो मुसलमान न हो जायं उन को मार डालना अपना परम धर्म समझता था। २--टीपू अंग्रेजों से बहुस सिढ़ता था। अपने बाप की सेना में लड़ चुका था और अच्छी तरह जानता था कि इन्हीं के कारण भुक को करनाटक नहीं मिला वह उनसे