पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/८२

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बड़े बड़े मन्द्रिों में सैकड़ों बरस से बटोरा रखा था ४---आलाउद्दीन के बहुत सी बेगमें थीं। जैसे ही वह राज का अधिकारी हुआ वह एक बड़ी सेना लेकर गुजरात की ओर चला जहाँ एक राजपूत राजा करन राय राज करता था वह अपने राज के लिये बड़ी बहादुरी से लड़ा पर हार गया । उसको अपनी रानी कमला देवी और अपनी लड़की देवल देवी के साथ भागना पड़ा। करन राय का तुर्को सिपाहियों ने ऐसा पीछा किया कि रानी जङ्गल में अलाउद्दीन छूट कर उनके हाथों में पड़ माई और उनको आलाउद्दीन के पास ले गये और उसने उससे जबरदस्ती व्याह कर लिया। रानी ने भी यह सोच कर कि अब कमी राजा के पास लौट कर नहीं जा सकती पहिली सब बातें भूला दो और दिल्ली की मलका हो गई। बादशाह उसको बहुत मानता था और उसको प्रधान बेगम बना दिया। एक दिन रानी ने उससे कहा कि मैं अपनी लड़की देवला देवी को देखना चाहती हूँ। अलाउद्दीन ने उसको लाने की प्रतिज्ञा की और उसी दिन काफूर को