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पृष्ठ:हीराबाई.djvu/२४

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हीराबाई



में रहने का कोई तमन्ना बाकी नहीं है। यों कहकर उसने कटार अपने कलेजे के पार कर दी और अ़लाउद्दीन यह हाल सुन ताव पेच खाकर रह गया। थोड़ी देर बाद वह भी मर गया [सन् १३१६ ई०] और दोनों एकही कब्र में गाड़े गए।

इसी तरह लालन भी अपने शौहर ख़िज़रख़ां के साथ एकही कब्र में गाड़ी गई थी।

ग्यारहवां परिच्छेद।

स्मृति।

"न विस्मरामि तान् सर्वान् मदर्थे त्यक्तजीवितान्।
यैः स्वान् प्राणान् तृणीकृत्य कष्टैश्चाहं विमोचितः॥"

(पद्मपुराणे)

आज दस बरस के बाद कमलादेवी और देवलदेवी का फिर से मानो नया जन्म हुआ! इतने दिनों तक तो वे दोनों मां-बेटियां संसार की आंख की ओट में थीं, पर अ़लाउद्दीन के मरने पर समय ने उन दोनों को फिर नए सिरे से संसार के सामने लाकर खड़ी कर दिया; तब लोगों को हीरा और लालन का, या कमलादेवी और देवलदेवी का सारा गुप्त रहस्य मालूम हुआ!

हीराबाई और लालन की शोचनीय मृत्यु का