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रामनाम


मनकी गन्दगी शरीरकी गन्दगीसे ज्यादा खतरनाक है, बाहरी गन्दगी आखिरकार भीतरी गन्दगीकी ही निशानी है।

––उरुळी, २४-३-'४६

अीश्वरकी शरणमे जानेसे किसीको जो आनन्द और सुख मिलता है, अुसका कौन वर्णन कर सकता है?

––उरुळी, २५-३-'४६

रामनाम अुन्हीकी मदद करता है, जो अुसे जपनेकी शर्ते पूरी करते है।

––नअी दिल्ली, ८-४-'४६

रामनाम जपके साथ-साथ अगर रामके योग्य सेवा न की जाय, तो वह व्यर्थ जाता है।

––नअी दिल्ली, २१-४-'४६

बीमारीसे जितनी मौते नही होती, अुससे ज्यादा बीमारीके डरसे हो जाती है।

––शिमला, ७-५-'४६

तीन तरहके रोगोके लिअे रामनाम ही यकीनी इलाज है।

––नअी दिल्ली, २४-५-'४६

जो रामनामका आसरा लेता है, अुसकी सारी अिच्छाअे पूरी होती हैं।

––नअी दिल्ली, २५-५-'४६

अगर कोअी रामनामका अमृत पीना चाहता है, तो यह जरूरी है कि वह काम, क्रोध वगैराको अपने पास से भगा दे।

––नअी दिल्ली, २०-६-'४६

जब सब कुछ अच्छा होता है, तब तो सब कोअी अीश्वरका नाम लेते ही है, लेकिन सच्चा भक्त तो वही है, जो सब कुछ बिगड़ जाने पर भी अीश्वरको याद करता है।

––बम्बअी, ६-७-'४६

रामनामका रसायन आत्माको आनन्द देता है और शरीरके रोग मिटाता है।

––पूना, ९-७-'४६