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पृष्ठ:अप्सरा.djvu/४३

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अप्सरा

३० अप्सरा ____ कनक ने उमड़कर कहा-"वह दारोगा साहब भी यहीं तशरीफ रखते हैं। आपको तकलीफ होगी। चलकर आप उनके भी उत्तम चरित्र के प्रमाण ले सकते हैं।" ____ॉर्विसन तैयार हो गए । हैमिल्टन को साथ चलने के लिये कहा। कनक आगे-आगे नीचे उतरने लगी। ___ सुंदरसिंह के कमरे की ताली नौकर को दी, और कुल दरवाजे खोल देने के लिये कहा । सब दरवाजे खोल दिए गए। भीतर सब लोग एक साथ घुस गए। दारोगा साहब करवट बदल रहे थे। रॉबिंसन ने एक की छड़ी लेकर खोद दिया। तब तक नशे में कुछ उतारा आ गया था। पर फिर भी वे सँभलने लायक नहीं थे। रॉबिंसन ने डाँटकर पुकारा। साहबी आवाज से वह घबराकर उठ बैठे। कई आदमियों और अँगरेजों को सामने खड़ा हुआ देख चौंककर खड़े हो गए । पर समलने की ताब न थी। काटे हुए पेड़ की तरह वहीं ढेर हो गए। होश दुरुस्त थे। पर शक्ति नहीं थी। दारोगा साहब फूट- फूटकर रोने लगे। "साहब खड़े हैं, और आप लेटे रहिएगा ?" कनक के नौकर खोद- खोदकर दायेगा साहब को उठाने लगे। एक ने बाँह पकड़कर खड़ा कर दिया । उन्हें विवश देख रॉबिंसन दूसरे कमरे की तरफ चल दिए, कहा-"इसको पड़ा रहने दो, हम समझ गया।" ___ यह वही कमरा था, जहाँ कनक पढ़ा करती थी। पुस्तकों पर नजर गई ; रॉबिंसन खोलकर देखने के लिये उत्सुक हो गए । नौकर ने आलमारियों की वाली खोल दी । साहब ने कई पुस्तकें निकाली, उलट- पुलटकर देखते रहे । इज्जत की निगाह से कनक को देखकर अँगरेजी में कहा-"अच्छा मिस," कनक मुस्कियई, "तुम क्या चाहती हो?" ___ "सिर्फ इंसाफ कनक ने मॅजे स्वर से कहा। साहब सोचते रहे । निगाह उठाकर पूछा- क्या तुम इन लोगों पर मुकदमा चलाना चाहती हो ?"