पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/१७४

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११६ परमार्थसोपान [ Part I Ch. 4 5. NAME AS THE SCHEMATIZER OF NIRGUNA AND SAGUNA, नाम रूप दुइ ईस उपाधी । अकथ अनादि सुसामुझि साधी को बड़ छोट कहत अपराधू । सुनि गुन भेद समुझिहहिं साधू रूप विशेष नाम विन जाने । करतल गत न परहिं पहिचाने सुमिरिय नाम रूप विन देखे | आवत हृदय सनेह विसेखे नाम रूप गति अकथ कहानी | समुझति सुखद, न परत बखानी अगुन सगुन विच नाम सुसाखी । उभय प्रबोधक चतुर दुभाखी = 11