पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/१९४

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१३६ परमार्थसोपान [ Part I Ch. 4 14, STORM THE FORTRESS OF SPIRITUAL EXPERIENCE; DO NOT TURN BACK ANY LONGER. नौकरी शरियत से करना, हुकुम पीर मुरशिद का रखना ॥ टे ॥ मन घोड़े को मार चाबुका, विवेक लगाम लेना | प्रेम क्षेम से रहना बेटा, “सोऽहं” गढ़ लेना ॥ १ ॥ कूच दरकूच मुकाम करके, संगम पूजा करना ! अखी लगाकर मार निशानी, पीछे मत हटना 11| 3 || सिड़ी पकड़ कर चढ़ना बेटा, धीरज से गढ़ लेना । अन्दर का पट खोल लेना, धीरे से चढ़ना ॥ ३॥ ( Contd. on p. 138 )