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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
फरवरी १७: बनारस-काण्डके बारेमें श्रीमती बेसेंट द्वारा किये गये खण्डनके जवाबमें गांधीजीका पत्र मद्रासके ‘हिन्दू’ में छपा।
‘न्यू इंडिया’ ने गांधीजीके उक्त पत्रको प्रकाशित किया और साथ ही उसके बारेमें श्रीमती बेसेंटका स्पष्टीकरण भी। मद्रासके ऐंडर्सन हॉलमें आयोजित एक वाद-विवाद प्रतियोगितामें गांधीजीने अध्यक्षता की।
फरवरी १९: दक्षिण सभाके निमन्त्रणपर पूना पहुँचे, और किर्लोस्कर थियेटरमें गोखलेकी बरसीके उपलक्ष्यमें आयोजित सभामें बोले।
फरवरी २३: अहमदाबाद लौटे। एक सभा अध्यक्षता की जिसमें भारतीय महिला विश्वविद्यालयके संस्थापक धों० के० कर्वेका सार्वजनिक व्याख्यान हुआ।
फरवरी २५: ‘लीडर’ में प्रकाशित एक लेख लिखकर गांधीजीने गिरमिट प्रथाको तत्काल समाप्त करनेकी मांग की।
फरवरी २६: हैदराबाद (सिन्ध) में सार्वजनिक स्वागत समारोह।
फरवरी २७: हैदराबाद (सिन्ध) के होमस्टेड हॉलमें गोखलेके चित्रका अनावरण किया।
फरवरी २८: नारी-शाला, नवलराय, हीराचन्द, अकादमी, नवविद्यालय, हाईस्कूल और कुन्दनमल गर्ल्स स्कूल देखने गये।

हीराबागमें हैदराबादके गुजराती और दक्षिणी लोगोंसे भेंट की।

चेचकके टीकेके सम्बन्धमें होमस्टेड हॉलमें भाषण।
फरवरी २९: कराचीके नागरिक संघ द्वारा स्वागत; खालिकदीना हॉलमें गोखलेके चित्रका अनावरण किया। गुजराती हिन्दुओंने अभिनन्दन-पत्र भेंट किया।
मार्च २: कराची बन्धु मण्डलके स्वागत-समारोहमें भाषण। सिन्धके सार्वजनिक जीवनके बारेमें ‘पारसी संसार’ के प्रतिनिधिको अपनी राय बताई।
मार्च ४: उपनिवेश मन्त्री बोनर लॉने फीजीके कार्यवाहक गवर्नरके नाम एक खरीतेमें एक अन्तविभागीय समिति नियुक्त करने और अगले पाँच वर्षों तक गिरमिट प्रथाको जारी रखनेके बारेमें अपनी सहमति प्रकट की।
मार्च २०: शाही विधान परिषद्‌में पण्डित मदनमोहन मालवीयने भारतीय गिरमिटिया मजदूरोंकी भर्तीकी प्रथा समाप्त करनेकी माँग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। प्रस्तावको स्वीकार करते हुए वाइसरॉयने घोषणा की कि भारत-मन्त्री और भारत सरकार दोनोंने इस प्रथाको समाप्त करनेका निश्चय कर लिया है। गांधीजीने हरद्वारके निकट गुरुकुल काँगड़ीमें भाषण किया।
मार्च ३०: सत्याग्रह संघर्षके खर्चे के बारेमें जे० बी० पेटिटको पत्र लिखा।
अप्रैल ४: भारतके नये वाइसरॉय लॉर्ड चैम्सफोर्डका बम्बई-आगमन। प्रदर्शन किये गये। लॉर्ड हार्डिज भारतसे रवाना हो गये।
अप्रैल १९: गांधीजीको गुजरात वर्नाक्यूलर सोसाइटीका आजीवन सदस्य नामजद किया गया।
अप्रैल २१, २२, २३: इलाहाबादमें अ० भा० कांग्रेस कमेटीकी बैठकमें भारतके स्वशासनकी योजनापर विचार किया गया।