१७५. तार : देवदास गांधीको
बारडोली
१६ फरवरी, १९२२
कांग्रेस कमेटी
हालत बहुत अच्छी है। तुम्हारे तारका आशय मैं भी समझ नहीं पाया था । तुमने किन भयानक घटनाओंका उल्लेख किया है सो स्पष्ट नहीं हो पाया ।
गांधी
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ७९२४) की फोटो - नकलसे ।
१७६. पत्र : देवदास गांधीको
शुक्रवार [ १७ फरवरी, १९२२][१]
तुम्हारी ओरसे कोई पत्र नहीं आया, यह दुःखकी बात है । मैं समझता हूँ कि तुम्हें बहुत काम रहता है लेकिन ऐसे समय में मैं तुमसे पूरी-पूरी रिपोर्टकी आशा तो रखता ही हूँ। वह मिले तो मैं [ वस्तुस्थितिको ] अच्छी तरह समझ सकूंगा और अधिक विचार भी कर सकूँगा। सिपाहीका काम है कि वह अपने जनरलको सब बातोंकी पूरी-पूरी रिपोर्ट दे ।
उपवास आज अभी एक घंटे में खत्म हो जायेगा। मुझे कमजोरीके अलावा और कोई कष्ट नहीं हुआ । 'यंग इंडिया' और 'नवजीवन' तो तुम्हें मिलते ही होंगे।
२४ तारीखको मैं दिल्लीम होऊँगा । यहाँसे २२ तारीखकी शामको निकलूंगा । २४-२५ के दिन दिल्लीमें समझो। बादमें कदाचित् कलकत्ते जाना पड़े। निश्चित कुछ भी नहीं है । बा यहीं है । आशा है, तुम्हारी तबीयत अच्छी होगी ।
बापूके आशीर्वाद
- ↑ चौरीचौरा हत्याकाण्डके कारण गांधीजीने पाँच दिनका जो उपवास किया था, यह पत्र उस उपवास के आखिरी दिन लिखा गया था ।