पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 31.pdf/२८४

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२५७. पत्र : बहरामजी खम्भाताको

आश्रम
साबरमती
शनिवार, आषाढ़ बदी ७ [ ३१ जुलाई, १९२६ ][१]

भाईश्री ५ बहरामजी,

आपका पत्र मिला। आपके स्वास्थ्यका समाचार पढ़कर मुझे बहुत खुशी हुई है। बम्बई पहुँचनेके बाद मुझे फिर पत्र लिखें। दोनोंको—

बापूके आशीर्वाद

श्रीयुत बहरामजी खम्भाता

८, नेपियर रोड
कैम्प

पूना
गुजराती पत्र (जी० एन० ४३६५) की फोटो-नकलसे तथा सी डब्ल्यू० ८६६५ से।
सौजन्य : तेहमीना खम्भाता

२५८. पत्र : फूलचन्द शाहको

आश्रम
साबरमती
शनिवार, आषाढ़ बदी ७, ३१ जुलाई, १९२६

भाईश्री फूलचन्द,

मैं इसके साथ मूलचन्दभाईका पत्र नत्थी कर रहा हूँ। आपसे मुझे मालूम हुआ है कि अन्त्यजोंमें सेवा कार्य करनेके लिए अभी हमारे पास रुपया है। यदि रुपया है तो साथके पत्रमें लिखी रकम चुका दें।

श्री फूलचन्द कस्तूरचन्द शाह

राष्ट्रीय शाला

बढवान

गुजराती प्रति (एस० एन० १२२३०) की माइक्रोफिल्मसे।

  1. डाकको मुहरसे।