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भाषण : जफनाकी सार्वजनिक सभामें

तकसे दूर रहिए। अबतक कोई भी सच्चा सुधार जोर-जबरदस्तीके बलपर सम्पन्न नहीं हुआ है, क्योंकि यद्यपि वैसा करनेसे सतही सफलता मिल सकती है, लेकिन वह ऐसी अनेक बुराइयोंको जन्म देता है जो उस बुराईसे भी बदतर होती है जिसे दूर करनेके लिए ऐसा तरीका अपनाया जाता है। लेकिन, कोई मेरी बातोंका गलत अर्थ न लगाये । पूर्ण मद्यनिषेधकी घोषणा करनेवाले कानूनको मैं किसी भी रूपमें जोर-जबरदस्ती नहीं मानता। जब लोकमत पूरी ईमानदारीसे और साफ-साफ पूर्ण मद्यनिषेधके पक्षमें हो तब जनताको न केवल कानून द्वारा पूर्ण मद्यनिषेधकी घोषणा कराने और उसे लागू करानेके लिए जरूरी कदम उठानेका अधिकार है, बल्कि वैसा करना उसका कर्तव्य हो जाता है।

इस पर्चेके लेखकने असत्यमय आचरणके दृष्टान्तोंका उदाहरण देते हुए कहा है कि कुछ लोग एक ओर तो मद्यनिषेध-सम्बन्धी सभाओंमें भाग लेते हैं और दूसरी ओर शराब पीते हैं। यदि मद्यनिषेध आन्दोलनको चलानेवाले ऐसे पाखण्डी लोग भी हों तो इसका विफल होना निश्चित है। मैं आशा करता हूँ कि मद्यनिषेध-जैसे न्याय- संगत, उदात्त और मानवीय उद्देश्यके लिए काम करनेमें आप लोग अपने आपको पाखण्डसे मुक्त रखनेकी विशेष सावधानी बरतेंगे ।

दूसरा सुझाव यह है कि मद्यनिषेध कानून स्वीकार करवा लेनेके बाद आपको चुपचाप बैठ नहीं जाना चाहिए। सच तो यह है कि आपके लिए वैसा करनेकी कोई गुंजाइश ही नहीं है ।

पर्चेका लेखक प्रकारान्तरसे यह कहता है कि अमेरिकामें मद्यनिषेध विफल रहा। किन्तु मुझे खुद अमेरिकी लोगोंसे ही इस विषयमें बहुत कुछ मालूम हुआ है। अमेरिका- जैसे बड़े देशमें मद्यनिषेध यद्यपि हमें बहुत ही कठिन, लगभग असम्भव प्रतीत हो सकता है, किन्तु यह वहाँ विफल नहीं हुआ है, बल्कि धीरे-धीरे सफलताकी मंजिल तय कर रहा है। अमेरिकाके साहसी सुधारकोंको जो कठिनाइयाँ झेलनी पड़ रही हैं, उनके मुकाबले आपके देशमें तो कोई कठिनाई है ही नहीं। मैं आपसे उन महान सुधारकोंका अनुकरण करनेको कहूँगा । जिस कानूनको बनवानेके लिए उन्होंने दीर्घ कालतक सतत संघर्ष किया था, उसे प्राप्त करनेके बाद वे निश्चित होकर बैठ नहीं गये हैं, बल्कि अब वे एक बहुत बड़ा रचनात्मक कार्य करनेमें जुटे हुए हैं। कारण यह है कि जब किसीको शराबखोरीकी लत लग जाती है तो उसे उस ओरसे विरत करना अत्यन्त कठिन कार्य होता है । इसलिए अमेरिकावाले ऐसे लोगोंको सही रास्तेपर लानेके लिए तरह-तरहके उपाय कर रहे हैं।

शराबखोरोंके लिए शराबखोरीकी लत तो एक बीमारी जैसी ही है, इसलिए आपको उनके लिए वही सब करना होगा जो आप अपने बीमार भाई या बहनके लिए करेंगे। शराबखानोंके स्थानपर उनके लिए आपको उपहारगृहोंकी व्यवस्था करनी पड़ेगी, उन्हें उनके किसी मनपसन्द काममें व्यस्त रखनेके लिए मनोरंजनके सभी निर्दोष साधन सुलभ करने पड़ेंगे। आप लोगोंको यह सुधार सम्पन्न करानेकी सारी सुविधाएँ सुलभ हैं, और यदि आप इसमें पूरी तरह सफल हो जायेंगे तो सारे भारतके लिए एक गौरवपूर्ण उदाहरण पेश करेंगे ।