और फिर चूँकि आपकी ही संख्या सबसे अधिक है, इसलिए जफनामें और जफनाके जरिये लंकामें शराबखोरीको बिलकुल बन्द करा देनेका दायित्व भी आपके ही कन्धोंपर है। हिन्दू धर्म आपको शराब पीनेकी इजाजत नहीं देता। अगर शिक्षा- मण्डल अपने कर्त्तव्यका पालन करे तो उसे आपकी पाठशालाओंमें संस्कृत शिक्षाको प्रोत्साहन देना चाहिए । संस्कृतका कुछ ज्ञान प्राप्त किये बिना, मैं किसी भी हिन्दू लड़केकी शिक्षा अधूरी ही मानता हूँ। और जहाँतक मुझे पता है, हिन्दू धर्म में 'भगवद्गीता' के समान कोई ग्रन्थ सर्वत्र सुलभ, और सर्वग्राही नहीं है। इसलिए अगर आप अपनेको और अपने लड़कोंको हिन्दुत्वकी भावनासे ओत-प्रोत कर देना चाहते हैं, तो आप 'गीता' की शिक्षाओंका रहस्य समझनेकी कोशिश करेंगे । आपको रामायण' और 'महाभारत' का भी सामान्य ज्ञान पैदा करना चाहिए।
अन्तमें, मैं यह कहूँगा कि मानव जातिकी अनेकानेक कठिनाइयोंका मैं दो के अलावा और कोई उपाय नहीं जानता। इन उपायोंकी तो मैं हमेशा माला ही जपता रहता हूँ । वे हैं सत्य बोलना, और हर कीमतपर अहिंसाका पालन करना । जितने निश्चित रूपसे मैं यह जानता हूँ कि मैं आपके सामने बैठा हुआ हूँ, उतना ही निश्चित विश्वास मुझे इस बातका है कि अगर मैं इन दोनों चीजोंकी सच्ची भावना आपके हृदयोंमें उतार सकूँ और इनके अनुसार आचरण करनेमें प्रवृत्त कर सकूँ, तो आपकी हर मुश्किल ऐसे दूर हो जायेगी जैसे आँधीमें तिनके उड़ जाते हैं। और तब ईश्वर अपने स्वर्गासनसे उतर कर आपके बीच आकर रहने लगेंगे और आपसे कहेंगे : "हिन्दुओ ! तुम खरे साबित हुए ! "
यंग इंडिया, १५-१२-१९२७
२२१. तार : मीराबहनको
जफना
२८ [ नवम्बर ], [ १९२७ ]
आश्रम
क्या डाक्टरने घावको चीरा भी है ? छः तारीखतक बरहामपुर या आस-पासके इलाकोंमें ही रहूँगा । सप्रेम ।
बापू
- अंग्रेजी (सी० डब्ल्यू० ५२९५) से ।
- सौजन्य : मीराबहन
- ↑ १. गांधीजी इस तारीखको जफनामें थे।