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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मयं

सहित दक्षिण भारतका बड़ा श्रमसाध्य दौरा किया है। मैं नववर्ष दिवसपर या उससे पहले आश्रम पहुंचनेकी आशा करता हूँ।

तुम्हारा

कुमारी देवी वेस्ट

२३, जॉर्ज स्ट्रीट

लॉथ, लिंक्स
अंग्रेजी (एस० एन० १२५४३) की फोटो-नकलसे ।

२८६. पत्र : निर्मलचन्द्र डे को

स्थायी पता : आश्रम, साबरमती
२१ दिसम्बर, १९२७

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला। मैं ठीक देख सकता हूँ कि जबतक आपकी ईश्वरमें जीवन्त आस्था न हो, आप पापपूर्ण विचारोंसे छुटकारा नहीं पा सकते, पापपूर्ण कार्यों से तो और भी नहीं। वैसी आस्था प्राप्त करनेका जो एकमात्र तरीका मैं आपको बता सकता हूँ वह यह है कि आप मनुष्यकी तुच्छताको और इस प्रकार स्वयं अपनी तुच्छताको समझें और आग्रहपूर्वक विश्वास करें...,[१] यह मानकर कि एक कोई हस्ती " है जो पूर्ण है और जो संसाररूपी अद्भुत रचनाके लिए उत्तरदायी है। आपके साथ बुराईके उद्भवके बारेमें बहस करनेकी मुझमें क्षमता नहीं है। मेरे लिए इतना ही काफी है कि मैं नम्रतापूर्वक बुराईको बुराईके रूपमें समझ लूं और उससे संघर्ष करूँ, क्योंकि मैं जानता हूँ कि ईश्वर इस संघर्ष में सदैव मेरी सहायता करता है। विजय तो प्रयत्न करनेमें है। ईमानदारीके साथ एक गुरु पाने और प्रयत्न करनेके लिए शुद्ध जीवन व्यतीत करना जरूरी हो जाता है।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत निर्मलचन्द्र डे

इंजीनियरिंग कालेज होस्टल, शिवपुर
पो० आ० बोटेनिकल गार्डन

हावड़ा
अंग्रेजी (एस० एन० १२६५३ ए०) की माइक्रोफिल्मसे ।
 
  1. १. साधन-सूत्रमें यहाँ छूटा हुआ है।