होना। तथाकथित शास्त्रों में से भले ही कुछ भी प्रमाण दिये जायें, लेकिन किसी पुरुषका एकसे अधिक पत्नीका रखना गलत है। बेटियोंको विवाहकी आड़में बेचना गलत है। किसी घरमें बाल-विधवा होना एक पाप है। बाल-विवाह कोई विवाह नहीं होता और यदि आप यह बात माननेके लिए तैयार नहीं हैं तो किसी बालिकाका विवाह करना भी उतना ही बड़ा पाप है। हमारे लड़कों और लड़कियोंको अशिक्षित रखना भी गलत है और मैं इसे एक जघन्य अपराध मानता हूँ कि किसी एक भी व्यक्तिको केवल इस कारण अस्पृश्य माना जाये कि वह एक समुदाय विशेष या परिवार विशेष में पैदा हुआ है। यदि हमारे अन्दर सच्चा जागरण हुआ होता तो हम इन सामाजिक बुराइयों तथा गन्दगी और अस्वच्छताकी समस्याओंसे जो हमारे चारों ओर इतने पास विद्यमान हैं और हमारा मुँह देख रही हैं, अवश्य निपटते । हमारे
हिन्दू, २९-९-१९२७
३४. तार : मीराबहनको
मदुरै
२८ [ सितम्बर, १९२७ ]
द्वारा हिन्दी प्रचार
तुम कैसी हो। ईश्वर तुम्हें शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक रूपसे स्वस्थ बनाये। सस्नेह ।
बापू
- अंग्रेजी (सी० डब्ल्यू० ५२७७) से |
- सौजन्य : मीराबहन
- ↑ १. इस दिन गांधीजी मदुरैमें थे। देखिए अगला शीर्षक भी।