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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

किया जायेगा। मैं तो अपने ही मनसे अपने-आपको दरिद्रनारायणका प्रतिनिधि मान बैठा हूँ, इसलिए ये खादीके टुकड़े, जो बहुत ही कलात्मक, बहुत बारीक तथा बहुत लम्बे हैं मेरे निजी इस्तेमालके योग्य नहीं है। मैं उन्हें कलाके बहुत सुन्दर नमूने मानता हूँ, और अगर मैं आपको लुभा सकूँ तो इस बातके लिए लुभाना चाहूँगा कि आप इन्हें मुझसे लेकर अपने सुन्दर नगरमें बहुमूल्य संग्रहके रूपमें रखें। कराइकुडीमें मुझे घरके बुने और घरके कते खादीके दो टुकड़े मिले थे और मैंने उनमें से एक टुकड़ेको १००१ रुपये और दूसरेको १०१ रुपयेमें बेचा था।[१] मैं इन बातोंका जिक्र आपको यह बतानेके लिए कर रहा हूँ कि मदुरैने अबतक जितना-कुछ किया है, उससे कहीं ज्यादाकी उम्मीद मैंने मदुरैसे की थी। इससे पता चलता है कि आप लोग, जो इससे कहीं ज्यादा कर सकते थे, चरखेके पूरे महत्त्वको नहीं समझ पाये हैं।

मैं आपको उस दृश्यकी याद दिलाऊँगा जो आजसे लगभग सात वर्ष पूर्व अपने मित्र, सहकर्मी और साथी, मौलाना मुहम्मद अलीको वाल्टेयरमें छोड़कर मेरे मदुरै आनेपर मेरे सामने उपस्थित हुआ था। लेकिन अब समय बदल गया है। वह समय था कि जब मैं वाल्टेयरसे मदुरैकी यात्रा कर रहा था, तब आपने और हजारों अन्य लोगोंने उनकी अनुपस्थितिको लक्षित किया था, और इसके कारण बहुत लोगोंकी आँखोंमें आँसूतक आ गये थे। आज लोग न केवल इस बातको लक्षित नहीं करते कि मेरे साथ वे या अन्य कोई मुसलमान साथी नहीं हैं, बल्कि यदि मैं अपने साथ किसी मुसलमान साथीको लेकर चलूं तो आप मेरे साहस और मेरी धृष्टतापर आश्चर्य करेंगे। आज हिन्दूका हाथ मुसलमानके गलेपर है और मुसलमानका हाथ हिन्दूके गलेपर। लेकिन हमारे सरपर उमड़ते इन भयंकर काले बादलोंके बावजूद यदि आपकी इस प्राचीन नगरीमें मैं हिन्दू मुस्लिम एकताकी सम्भावना और आवश्यकता- में अपना दृढ़ अपरिवर्तनीय विश्वास नहीं दुहराऊँगा तो मैं अपने ईश्वर और अपने देशके सामने बेईमानी करूंगा। जितने निश्चित रूपसे मैं जानता हूँ कि मैं यहाँ बैठा हुआ हूँ उतने ही निश्चित रूपसे मैं यह भी जानता हूँ कि हमारी समस्त योजनाओंको ईश्वरकी कृपा प्राप्त होगी और वह इसी भयंकर फूटमें से एकता पैदा करने जा रहा है। इसलिए आपमें से जिन लोगोंके मनमें वैसी ही आस्था प्रज्वलित है जैसी कि मेरे मनमें है, उनसे मैं कहूँगा कि वे भी मेरे साथ हृदयसे ईश्वरसे प्रार्थना करें कि वह हमारे हृदयोंको साफ करे और इस संतप्त देशको शान्ति प्रदान करे। इसके अलावा उस अवसरकी एक घटना और है जिसकी याद मैं चाहूँगा कि हम ताजा करें। आपको याद होगा कि ईश्वरसे विनय पूर्वक प्रार्थना करके वह स्मरणीय रात्रि आपके बीच गुजारनेके पश्चात् मैंने अपने करोड़ों भूखे भाइयोंके साथ और घनिष्टता स्थापित करनेके उद्देश्यसे एक परिवर्तन किया था। यह परिपवर्तन मैं मानता हूँ कि बहुत नगण्य था लेकिन इसके बावजूद मेरे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण था। वाल्टेयरमें प्रस्तुत होनेवाले सजीव दृश्योंको मनमें लिये हुए जब मैं मदुरै आ रहा था और रास्तेमें अनेक स्टेशनोंपर मिलनेवाले हजारों लोगोंसे जब मैं कमसे-कम विदेशी वस्त्रोंका त्याग करके खादी पहनने-

  1. १. गांधीजीको खादोके ये टुकड़े देवकोट्टामें मिले थे, जिन्हें उन्होंने कराइकुडीमें बेचा था।