अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश/गान्धी-सेवा-संघ

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अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश  (1943) 
द्वारा रामनारायण यादवेंदु

[ १०३ ] गान्धी-सेवा-संघ--सन् १९२४ मे सेठ जमनालाल बजाज (अब स्वर्गीय), श्री राजगोपालाचारी, सरदार वल्लभभाई पटेल, डा राजेन्द्रप्रसाद आदि नेताओं ने इस संघ की स्थापना की। शुरू में इसका कार्य गान्धीजी के विचारों का प्रचार करना था। इस संघ के सदस्यों को राजनीति में भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। बारह वर्ष तक इस संघ का कार्य जनता में लोकप्रिय न बन सका और न इसने आन्दोलन का रूप ही धारण किया। पहले इसके सालाना अधिवेशन भी नहीं होते थे। सन् १९३४ में इसका पहला सम्मेलन हुआ। श्री किशोर-लाल घ० मश्रुवाला के अनुसार इन सालाना सम्मेलनों में गान्धीजी का पूरा-पूरा भाग रहा। उन्होंने संघ को नया रूप देकर बड़ा बनाया तथा उनको वह अपने विचार और नीति बतलाते रहे। वैसे इस संघ का उद्देश्य "महात्मा गान्धी के सिखाये हुए सत्याग्रह के सिद्धांतो के अनुसार जनता की सेवा करना है," परन्तु वास्तव में यह संघ गान्धीवादियों का संगठन बनाने के लिए खोला गया। संघ के वृन्दावन (बिहार) अधिवेशन में एक प्रस्ताव में यह स्पष्ट रूप से आदेश किया गया है कि--"समस्त राजनीतिक चुनावों में संघ के एक सदस्य को दूसरे सदस्य का विरोध न करना चाहिए और न मुक़ाबले में ही राग रोना चाहिए।" [ १०४ ]मे है। 'सर्वोदय' नामक एक हिन्दी-मासिक भी वहाँ से प्रकाशित होता है।