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सितम्बर की निर्वाचित पुस्तक
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सप्ताह की पुस्तक
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अद्भुत आलाप महावीर प्रसाद द्विवेदी रचित निबंध संग्रह है जो १९४२ ई में लखनऊ के गंगा-पुस्तकमाला द्वारा प्रकाशित किया गया था।
१--एक योगी की साप्ताहिक समाधि

"हिंदोस्तान अनेक गूढ़, अज्ञात और अद्भुत बातों की जन्मभूमि है। मैं वहाँ तीस वर्ष तक रहा। जितनी अद्भुत-अद्भुत बाते मैंने वहाँ देखीं, उनमें सबसे अधिक विस्मय पैदा करनेवाली बात एक योगी की समाधि थी। यह योगी मृत्यु को प्राप्त हो गया; सात दिन तक ज़मीन में गड़ा रहा, और आठवें दिन फिर खोदकर निकाला गया, तो जी उठा। यह अलौकिक घटना हरद्वार में हुई। हरद्वार हिंदुओं का पवित्र तीर्थ है। वह हिमालय के नीचे गंगा के तट पर है।
"हरद्वार में हर बारहवें वर्ष प्रचंद मेला लगता है। लोग दूर-दूर से वहाँ जाते हैं। असंख्य यात्री वहाँ इकठ्ठ होते हैं। जैसी घटना का वर्णन मैं करने जाता हूँ, वैसी घटना कितने योरप-निवासियों ने देखी है, पर मैं नहीं कह सकता। पर इसमें संदेह नहीं कि बहुत कम ने देखी होगी। उसे देखने के लिये मुझे रूप बदलना पड़ा। साहबी पोशाक में मैं वहाँ न जाने पाता। इससे मैंने ब्राह्मण का रूप बनाया, और एक सभ्य हिंदोस्तानी बन गया। इस काम में मुझे एक हिंदोस्तानी मित्र ने बड़ी मदद दी। वह भी ब्राह्मण था और योग-विद्या में प्रवीण भी था।..."(पूरा पढ़ें)


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पूर्ण पुस्तक
पूर्ण पुस्तकें

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हिन्द स्वराज, महात्मा गाँधी की पहली पुस्तक है जिसमें उन्होंने अपने विचारों को सुव्यवस्थित रूप दिया है। दक्षिण अफ्रीकाके भारतीय लोगोंके अधिकारोंकी रक्षाके लिए सतत लड़ते हुए गांधीजी १९०९ में लंदन गये थे। वहां कई क्रांतिकारी स्वराज्यप्रेमी भारतीय नवयुवक उन्हें मिले। उनसे गांधीजीकी जो बातचीत हुई उसीका सार गांधीजीने एक काल्पनिक संवादमें ग्रथित किया है। इस संवादमें गांधीजीके उस समयके महत्त्वके सब विचार आ जाते हैं। किताबके बारेमें गांधीजी ने स्वयं कहा है कि "मेरी यह छोटीसी किताब इतनी निर्दोष है कि बच्चोंके हाथमें भी यह दी जा सकती है। यह किताब द्वेषधर्मकी जगह प्रेमधर्म सिखाती है; हिंसाकी जगह आत्म-बलिदानको स्थापित करती है; और पशुबलके खिलाफ टक्कर लेनेके लिए आत्मबलको खड़ा करती है।" ( हिन्द स्वराज पूरा पढ़ें)


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सहकार्य

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  1. हिंदी रस गंगाधर.djvu ‎[४२८ पृष्ठ]
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रचनाकार
रचनाकार

भारतेन्दु हरिश्चंद्र (9 सितंबर 1850 — 6 जनवरी 1885), आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक, निबंधकार, कवि, नाटककार और संपादक थे। विकिस्रोत पर उपलब्ध उनकी रचनाएँ:

  1. अंधेर नगरी — नाटक
  2. भारत दुर्दशा — नाटक
  3. नीलदेवी — नाटक
  4. भारतेंदु-नाटकावली — नाटक संग्रह
  5. भारतेन्दु समग्र — भारतेंदु की रचनाओं का संग्रह

प्रतापनारायण मिश्र (24 सितंबर 1856 — 6 जुलाई 1894) हिंदी भाषा के निबंधकार, कवि, नाटककार और संपादक थे। विकिस्रोत पर उपलब्ध उनकी रचनाएँ:

  1. प्रेम पुष्पावली — कविता संग्रह
  2. प्रताप पीयूष — निबंध संग्रह
  3. शैवसर्वस्व — 1890 में प्रकाशित शिव भक्तिपरक रचना

बालमुकुंद गुप्त (14 नवंबर 1865 — 18 सितंबर 1907) हिंदी के निबंधकार, कवि, नाटककार और संपादक थे। विकिस्रोत पर उपलब्ध उनकी रचनाएँ:

  1. शिवशम्भु के चिट्ठे — पत्र शैली में लिखा गया व्यंग्य संग्रह

आज का पाठ

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रासो ग्रंथ परिचय रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी साहित्य का इतिहास का एक अंश है जिसके दूसरे संस्करण का प्रकाशन काशी के नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा १९४१ ई॰ में किया गया था।

"यहाँ पर वीर-काल के उन ग्रंथो का उल्लेख किया जाता है जिनकी या तो प्रतियाँ मिलती हैं या कहीं उल्लेख मात्र पाया जाता है। ये ग्रंथ 'रासो' कहलाते हैं। कुछ लोग इस शब्द का संबंध "रहस्य” से बतलाते हैं। पर "बीसलदेव रासो" में काव्य के अर्थ में 'रसायण' शब्द बार बार आया है। अतः हमारी समझ में इसी "रसायण" शब्द से होते होते 'रासो' हो गया है।"

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