अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश/देशी रियासतें

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अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश  (1943) 
द्वारा रामनारायण यादवेंदु

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देशी रियासते--भारतवर्ष दो भागों में विभाजित है : एक ब्रिटिश-सरकार द्वारा शासित, जिसमे ११ गवर्नरों के प्रान्त, चीफ कमिश्नरियाॅ आदि हैं--दूसरा देशी राज्य। देशी राज्यो या रियासतो का शासन भारतीय राजा, महाराजा या नवाबो के अधीन है। ब्रिटिश सरकार उनकी सर्वोच्च सत्ता है। भारतवर्ष मे ५६२ छोटी-बडी देशी रियासते हैं। इनमें ४५४ राज्य ऐसे हैं, जिनका क्षेत्रफल १,००० वर्गमील से भी कम है। ४५२ ऐसे राज्य हैं, जिनकी जन-सख्या १,००,००० जन से भी कम है। ३७४ राज्यो की वार्षिक आमदनी १ लाख रुपये से भी कम है। केवल १२ राज्य ऐसे हैं, जिनका क्षेत्रफल १०,००० वर्गमील और जन-संख्या १०,००,००० और वार्षिक आमदनी ५० लाख रुपये से भी ज्यादा है।

ब्रिटिश भारत की जन-सख्या २७ करोड़ तथा क्षेत्रफल १०,९४,३०० वर्गमील है। इन देशी राज्यो का शासन स्वेच्छाचारी एकतत्र-प्रणाली के अनुसार मध्ययुगीन ढंग पर है। कुछ बड़े तथा प्रगतिशील राज्यों में धारा-सभाएँ अब बन गई हैं। परन्तु उन्हे कोई वास्तविक उत्तरदायित्व का अधि-
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कार प्राप्त नही हैं। नागरिक स्वाधीनता तो वहॉ नाममात्र को भी नही है। इन रियासतो मे राष्ट्रीय आन्दोलनो का बहुत बुरी तरह दमन किया जाता है। काग्रेस द्वारा भारत मे जो राष्ट्रीय आन्दोलन होरहा है उससे प्रभावित होकर देशी राज्यों की जनता में भी जागृति पैदा होगई है और इन रियासतो मे उत्तरदायी शासन की स्थापना के लिए मॉग की जा रही है।









धरना--यह सत्याग्रह का एक रूप है। सन् १९२०-२१ और १९३०-३२ के सत्याग्रह आन्दोलन में विदेशी वस्त्रो के बहिष्कार, मादक द्रव्यो के निषेध तथा स्कूल और कालिजो मे विद्यार्थियो को जाने से रोकने के लिए, सत्याग्रहियो द्वारा, इसका प्रयोग किया गया। सत्याग्रही दूकानो पर तथा कालिज और स्कूल के द्वार के सामने खड़े होकर ग्राहको तथा विद्यार्थियों से शान्तिपूर्ण आग्रह करते थे कि वे विदेशी वस्त्रो, शराब आदि को न बेचे-ख़रीदे तथा सरकारी स्कूल व कालेज में अध्ययन न करे। सन् १९४२ मे सीमान्त प्रदेश मे लालकुर्ती दलवालो ने अदालतो पर धरना दिया तथा विद्यार्थियो ने शिक्षा-संस्थाओं पर।



धुरी राष्ट्र--रोम-बर्लिन-धुरी (Axis)--इन शब्दो का प्रयोजन इटली तथा जर्मनी की राजनीतिक सहकारिता से है। सन् १९३५ मे जब इटली ने अबीसीनिया को अपने साम्राज्य मे हड़प करने के लिए उस पर धावा किया तब इस नीति का श्रीगणेश हुआ। सन् १९३७ मे कामिण्टर्न-विरोधी समझौते से यह सहचारिता और भी सबल होगई। १९३८ मे हिटलर और मुसोलिनी एक-दूसरे से मिले। इसी वर्ष सितम्बर मास में जर्मनी द्वारा चैकोस्लोवाकिया के संघर्ष में इटली चुप रहा। जर्मनी को प्रसन्न करने के लिए इटली ने यहूदी-