चाँदी की डिबिया/अंक ३/१

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चाँदी की डिबिया  (1930) 
द्वारा जॉन गाल्सवर्दी, अनुवादक प्रेमचंद
[ १६८ ]
अंक ३

दृश्य १

आठ दिन गुज़र गए हैं। लन्दन के पुलिसकोर्ट का दृश्य है। एक

बजा है। एक चँदवे के नीचे न्याय का आसन है। इस चँदवे के ऊपर शेर और गैंडे की प्रतिमा बनी हुई है। आँख के सामने एक मुरझाई हुई सूरत का न्यायाधीश अपने कोट के पिछले भाग को गर्म कर रहा है। और दो छोटी छोटी लड़कियों को घूर रहा है। जो नीले और नारंगी चीथड़े पहने हुए हैं। कपड़ों का रंग बिलकुल उड़ गया है। ये लड़कियां कठघरे में लाई जाती हैं। गवाहों के कठघरे के पास एक अफ़सर अोवर कोट पहने खड़ा है। उसकी दाढ़ी छोटी और भूरी है। छोटी लड़कियों के बग़ल में एक गंजा पुलिस कांस्टेबिल खड़ा है। अगली बेंच पर बार्थिविक और रोपर बैठे हुए हैं। जैक उनके पीछे बैठा है। जंगलेदार कटघरे में कुछ फटेहाल मर्द और औरतें पीछे खड़ी हैं। कई मोटे ताज़े कांस्टेबिल इधर उधर खड़े या बैठे हैं। [ १६९ ]

मैजिस्ट्रेट

[ पिता-भाव दिखाता हुअा कठोर स्वर में ]

अब हमें इन लड़कियों का झगड़ा तय कर देना चाहिए।

अहलमद

थेरसा लिवेंस! माड लिवेंस!

[ गंजा कांस्टेबिल छोटी लड़कियों को दिखाता है जो चुप-चाप, स्थिति को समझती हुई विरक्त भाव से खड़ी हैं। ]

दारोग़ा!

[ दारोग़ा गवाहों के कठघरे में आता है। ]

तुम अदालत के सामने जो बयान दोगे, वह बिलकुल सच, पूरा पूरा सच और सच के सिवा और कुछ न होगा। ईश्वर तुम्हारी मदद करे! इस किताब को चूमो।

[ दारोग़ा किताब चूमता है ]

[ १७० ]

दारोग़ा

[ एक ही आवाज़ में, हर एक अवाज़ के अन्त में रुकता हुआ ताकि उसका बयान लिखा जा सके। ]

आज सबेरे क़रीब दस बजे मैंने इन दोनों लड़कियों को ब्ल्यूस्ष्ट्रीट में एक सराय के बाहर रोते हुए पाया। जब मैंने पूछा कि तुम्हारा घर कहां है तो उन्होंने कहा कि हमारा घर नहीं है। माँ कहीं चली गई है। बाप के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उसके पास कोई काम नहीं है। जब पूछा कि तुम लोग रात कहां साईं थीं, तो उन्होंने अपनी फूफू का नाम लिया। हज़ूर, मैंने तहक़ीक़ात की है। औरत घर से निकल गई है और मारी मारी फिरती है। बाप बेकार है और मामूली सराय में रहता है। उसकी बहन के अपने ही आठ लड़के हैं वह कहती है कि मैं इन लड़कियों का अब पालन नहीं कर सकती। [ १७१ ]

मैजिस्ट्रेट

[ चंदवे के नीचे अपनी जगह पर आकर ]

तुम कहते हो कि माँ मारी मारी फिरती है। तुम्हारे पास क्या सबूत है?

दारोग़ा

हज़ूर, उसका शौहर यहां मौजूद है।

मैजिस्ट्रेट

अच्छी बात है। उसे पेश करो।

[ लिवेंस का नाम पुकारा जाता है। मैजिस्ट्रेट आगे झुक जाता है और कठोर दया से लड़कियों की ओर देखता है। लिवेंस अंदर आता है। उसके बाल खिचड़ी हो गए हैं। कालर की जगह गुलूबन्द लगाए हुए है। वह गवाहों के कठघरे के पास खड़ा होजाता है। ]

अच्छा, तुम इनके बाप हो? तो तुम इन लड़कियों को घर में क्यों नहीं रखते? यह क्या बात है कि तुम इनको इस तरह सड़कों पर फिरने के लिए छोड़ देते हो? [ १७२ ]

लिवेंस

हज़ूर, मेरे कोई घर नहीं है। मेरे खाने का तो ठिकाना नहीं है। मैं बिलकुल बेकार हूं और न मेरे पास कुछ है जिससे इनका पालन कर सकूँ।

मैजिस्ट्रेट

यह कैसे?

लिवेंस

[ शर्मा कर ]

मेरी बीबी निकल गई और सारी चीज़ें गिरों रखदीं।

मैजिस्ट्रेट

लेकिन तुमने उसे ऐसा करने क्यों दिया?

लिवेंस

मैं उसे रोक नहीं सका। उधर में काम की तलाश में गया, इधर यह निकल भागी। [ १७३ ]

मैजिस्ट्रेट

क्या तुम उसे मारते पीटते थे?

लिवेंस

[ ज़ोर देकर ]

हज़ूर, मैंने कभी उसे तिनके से भी न मारा?

मैजिस्ट्रेट

तब क्या बात थी, क्या वह शराब पीती थी?

लिवेंस

[ धीमी अवाज़ में ]

हाँ, हज़ूर!

मैजिस्ट्रेट

उसका चाल चलन अच्छा न था?

लिवेंस

[ धीमी आवाज़ में ]

हाँ, हज़ूर! [ १७४ ]

मैजिस्ट्रेट

अब कहां है?

लिवेंस

नहीं मालूम, हज़ूर! वह एक आदमी के साथ निकल गई और तब मैं---

मैजिस्ट्रेट

हां, हां, ठीक है! यहां कोई उसे जानता थोड़े ही है?

[ गंजे कांस्टेबिल से]

क्या यहां कोई जानता है उसे?

दारोग़ा

इस इलाके में तो कोई नहीं जानता, हज़ूर! लेकिन मैंने पता लगाया है कि----

मैजिस्ट्रेट

हां, हां, ठीक है! इतना ही काफ़ी है। [ १७५ ]

[ बाप से ]

तुम कहते हो कि वह घर से निकल गई और इन लड़कियों को छोड़ गई। तुम इनके लिए क्या इन्तजाम कर सकते हो? तुम देखने में तो हट्टे-कट्टे आदमी हो!

लिवेंस

हाँ, हज़ूर, हट्टा-कट्टा तो हूं, और काम भी करना चाहता हूँ, लेकिन अपना कोई बस नहीं। कहीं मज़दूरी मिले तब तो?

मैजिस्ट्रेट

लेकिन तुमने कोशिश की थी?

लिवेंस

हज़ूर, सब कुछ करके हार गया! कोशिश करने में कोई कसर नहीं उठा रखी।

मैजिस्ट्रेट

अच्छा--[ १७६ ]

दारोग़ा

[ सन्नाटा हो जाता है ]

अगर हज़ूर का ख़याल हो कि ये बच्चे अनाथ हैं तो हम उनको लेने को तैयार हैं।

मैजिस्ट्रेट

हां, हां, मैं जानता हूँ! लेकिन मेरे पास कोई ऐसी शहादत नहीं है कि यह आदमी अपने बच्चों की ठीक तौर से देख रेख नहीं कर सकता।

[ वह उठता है और आग के आग चला जाता है। ]

दारोग़ा

हज़ूर, इनकी माँ इनके पास आती जाती है।

मैजिस्ट्रेट

हां, हां! माँ इस योग्य नहीं है कि बच्चे उसे दिए जायँ।

[ बाप से ]

तुम क्या कहते हो? [ १७७ ]

लिवेंस

हज़ूर, मैं इतना ही कहता हूँ कि अगर मुझे काम मिल जाय तो मैं बड़ी ख़ुशी से उनकी परवरिश करूँगा। लेकिन मैं क्या करूँ हज़ूर, मेरे तो भोजन का ठिकाना नहीं। सराय में पड़ा रहता हूँ। मैं मज़बूत आदमी हूँ, काम करना चाहता हूँ। दूसरों से दूनी हिम्मत रखता हूं लेकिन हज़ूर देखते हैं कि मेरे बाल पक गए हैं ब़ुखार के सबब से।

[ अपने बाल छूता है ]

इस लिए मैं जँचता नहीं। शायद इसी लिए मुझे कोई नौकर नहीं रखता।

मैजिस्ट्रेट

[ आहिस्ता से ]

हाँ, हाँ! मैं समझता हूँ कि यह एक मामला है।

[ लड़कियों की तरफ़ कड़ी आँखों से देख कर ]

१२

[ १७८ ]तुम चाहते हो कि ये लड़कियाँ अनाथालय में भेज दी जायँ!

लिवेंस

हाँ हज़ूर, मेरी तो यही इच्छा है।

मैजिस्ट्रेट

मैं एक हफ़्ते की मुहलत देता हूँ। आज ही के दिन फिर लाना। अगर उसवक्त उचित हुआ तो मैं हुक्म दे दूँगा।

दारोग़ा

आज के दिन हज़ूर!

[ गंजा कांस्टेबिल लड़कियों का कंधा पकड़े ले जाता है। बाप उनके पीछे पीछे जाता है। मैजिस्ट्रेट अपनी जगह पर लौट आता है और झुक कर क्लर्क से सायँ सायँ बातें करता हैं। ]

बार्थिविक

[ हाथ की आड़ से ]

बड़ा करुण दृश्य है रोपर मुझे तो उनपर बड़ी दया आ रही है। [ १७९ ]

रोपर

पुलिस कोर्ट में ऐसे सैकड़ों आया करते हैं।

बार्थिविक

बड़ी दिल दुखानेवाली बात है। लोगों की दशा जितना ही देखता हूं, उतना ही मेरे दिल पर असर होता है। मैं पार्लमेंट में उनका पक्ष लेकर अवश्य खड़ा होऊँगा। मैं एक प्रस्ताव----

[ मैजिस्ट्रेट क्लार्क से बोलना बन्द कर देता है। ]

क्लार्क

हिरासतवालो!

[ बार्थिविक एकाएक रुक जाता है। कुछ हलचल होती है और मिसेज़ जोन्स सदर दरवाज़े से अन्दर आती है। जोन्स पुलिस वालों के साथ कैदियों के दरवाज़े से आता है। वे कठघरे के अन्दर एक कतार में खड़े होते हैं। ]

क्लार्क

जेम्स जोन्स! जेन जोन्स! [ १८० ]

अर्दली

जेन जोन्स?

बार्थिविक

[ धीरे से ]

देखो रोपर, उस थैली का ज़िक्र न आने पाए। चाहे जो कुछ हो तुम उसे समाचार पत्रों में न आने देना।

[ रोपर सिर हिलाता है। ]

गंजा कांस्टेबिल

चुप रहो।

[ मिसेज़ जोन्स काले पतले फटे हुए कपड़े पहने हुए है। उसकी टोपी काली है। वह कठघरे के सामने की दीवार पर हाथ रक्खे चुप चाप खड़ी हो जाती है। जोन्स कठघरे की पिछली दीवार टेक कर खड़ा हो जाता है। और इधर उधर साहस भरी दृष्टि से ताकता है। उसका चेहरा उतरा हुआ है और बाल बढ़े हुए हैं। ]

[ १८१ ]

क्लार्क

[ अपने काग़ज़ देखकर ]

हज़ूर, यह वही मुक़दमा है जो पिछले बुधवार को ज़ेर तजवीज़ था। एक चाँदी की सिगरेट की डिबिया की चोरी और पुलिस पर हमला---दोनों मुलज़िमों का साथ साथ विचार हो रहा था। जेम्स जोन्स जेन जोन्स।

मैजिस्ट्रेट

[ घूरकर ]

हाँ, हाँ, मुझे याद है।

क्लार्क

जेन जोन्स!

मिसेज़ जोन्स

हाँ, हज़ूर।

क्लार्क

क्या तुम स्वीकार करती हो कि तुमने एक चांदी की [ १८२ ]सिग्रेट की डिबिया जिसकी क़ीमत ५ पौं० १० शिलिंग है, जान बार्थिविक मेंबर पार्लमेंट के मकान से, इस्टर मंडे के दिन ग्यारह बजे रात और ईस्टर ट्यूसडे आठ बजे दिन के बीच में चुराई थी। बोलो हाँ या नहीं?

मिसेज़ जोन्स

[ धीमे स्वर में ]

नहीं हज़ूर, मैने नहीं---

क्लार्क

जेम्स जोन्स, क्या तुम स्वीकार करते हो, कि तुमने एक चाँदी की सिग्रेट की डिबिया जिसकी क़ीमत ५ पौं० १० शिलिंग है, जान बार्थिविक मेंबर पार्लमेंट के मकान से इस्टर मंडे को ११ बजे रात और ईस्टर ट्यूसडे के ८ बजे दिन के बीच में चुराई? और जब पुलीस ईस्टर टयूसडे को तीन बजे शाम के वक्त अपना काम करना चाहती थी, [ १८३ ]तो तुमने उसपर हमला किया? बोलो हाँ या नहीं।

जोन्स

[ रुखाई से ]

हाँ, लेकिन इसके बारे में मुझे बहुत सी बातें कहनी हैं।

मैजिस्ट्रेट

[ क्लार्क से ]

हाँ, हाँ! लेकिन यह क्या बात है कि इन दोनों पर एक ही जुर्म लगाया गया है? क्या वे मियां बीबी हैं?

क्लार्क

हाँ हज़ूर! आपको याद है; कि आपने मुजरिम को हिरासत में रक्खा था कि शौहर के बयान पर और भी शहादत ली जा सके।

मैजिस्ट्रेट

क्या तभी से ये दोनों हवालात में हैं? [ १८४ ]

क्लार्क

आपने औरत को उसीकी ज़मानत पर छोड़ दिया था।

मैजिस्ट्रेट

हाँ, हाँ! यह चाँदी की डिबियावाला मामला है। मुझे अब याद आया। अच्छा।

क्लार्क

टामस मार्लो? {{c|[ टामस मार्लो की पुकार होती है। मार्लो अन्दर आता है और गवाहों के कठघरे में जाता है। वहां उसे हलफ़ दी जाती है। चाँदी की डिबिया पेश की जाती है और कठघरे की दीवार पर रखी जाती है। ]

क्लार्क

[ मिसिल पढ़ता हआ ]

तुम्हारा नाम टामस मार्लो है? तुम जान बार्थिविक न० ६ राकिंघम गेट के यहां खानसामा हो? [ १८५ ]

मार्लो

जी हाँ!

क्लार्क

क्या तुमने पिछले ईस्टरडे को रात को चांदी की एक डिबिया नं० ६ राकिंघम गेट के खाने के कमरे में एक तश्तरी में रक्खी! क्या यही वह डिबिया है?

मार्लो

जी हाँ!

क्लार्क

और जब तुम सुबह को पौने नौ बजे तश्तरी को उठाने गए तो तुम्हें डिबिया नहीं मिली?

मार्लो

हाँ, हज़ूर! [ १८६ ]

क्लार्क

तुम इस मुजरिम औरत को जानते हो?

[ मार्लो सिर हिलाता है ]

क्या वह नं० ६ राकिंघम गेट में मज़दूरी का कार्य करती है?

[ मार्लो फिर सिर हिलाता है ]

जब तुमने डिबिया पाई तो उस वक्त मिसेज़ जोन्स उस कमरे में थी?

मार्लो

जी हाँ!

क्लार्क

फिर तुमने इस चोरी का हाल जाकर अपने मालिक से कहा और उसने तुम्हें थाने भेजा?

मार्लो

जी हाँ! [ १८७ ]

क्लार्क

[ मिसेज़ जोन्स से ]

तुम्हें इनसे कुछ पूछना है?

मिसेज़ जोन्स

नहीं हज़ूर! कुछ नहीं।

क्लार्क

[ जोन्स से ]

जेम्स जोन्स क्या तुम्हें इस गवाह से कुछ पूछना है?

जोन्स

मैं तो उसे जानता भी नहीं।

मैजिस्ट्रेट

क्या तुमको ठीक याद है कि तुमने उसी वक्त डिबिया रक्खी थी जिस वक्त की तुम कह रहे हो?

मार्लो

हां, हज़ूर! [ १८८ ]

मैजिस्ट्रेट

अच्छी बात है। अब अफसर ( ख़ुफ़िया पुलीस) को बुलाओ।

[ मार्लो चला जाता है और स्नो कठघरे में आता है ]

अर्दली

तुम अदालत के सामने जो बयान दोगे वह सच होगा, बिलकुल सच होगा। और सच के सिवा कुछ न होगा, ईश्वर तुम्हारी मदद करे।

[ स्नो किताब चूमता है ]

क्लार्क

[ मिसिल चूमते हुये ]

तुम्हारा नाम राबर्ट स्नो है? तुम मिट्रा पुलीटन पुलीस दल के नं० १० बी० विभाग के जासूस हो? आज्ञानुसार ईस्टर ट्यूसडे को तुम क़ैदी के मकान नं० ३४ मरथर स्ट्रीट में गए थे? और क्या तुमने अंदर, जाने पर इस डिबिया को मेज़ पर पड़ी पाया? [ १८९ ]

स्नो

जी हाँ!

क्लार्क

क्या यही डिबिया है?

स्नो

[ डिबिया को उँगली से छूकर ]

जी हाँ!

क्लार्क

तब क्या तुमने डिबिया को अपने क़ब्जे में कर लिया और इस क़ैदी औरत पर उस डिबिया के चोरी का इलज़ाम लगाया? और क्या उसने चोरी से इनकार किया?

स्नो

जी हाँ! [ १९० ]

क्लार्क

क्या तुमने उसे हिरासत में ले लिया?

स्नो

जी हाँ!

मैजिस्ट्रेट

उसका बर्ताव कैसा था?

स्नो

उसने ज़रा भी हुज्जत न की। हाँ, बराबर इनकार करती रही।

मैजिस्ट्रेट

तुम उसे जानते हो?

स्नो

नहीं हज़ूर! [ १९१ ]

मैजिस्ट्रेट

यहां और कोई उसे जानता है?

गंजा कांस्टेबिल

नहीं हज़ूर! दो में से एक को भी कोई नहीं जानता? हमारे पास उनके ख़िलाफ़ कोई शिकायत नहीं है।

क्लार्क

[ मिसेज़ जोन्स से ]

तुम्हें इस अफ़सर से कुछ पूछना है?

मिसेज़ जोन्स

नहीं हज़ूर, मुझे कुछ नहीं पूछना है।

मैजिस्ट्रेट

अच्छी बात है, आगे चलो।

क्लार्क

[ मिसिल पढ़ता हुआ ]

और जब तुम इस औरत को गिरफ़्तार कर रहे थे, क्या [ १९२ ]मर्द क़ैदी ने मुदाख़लत की और तुम्हें अपना काम करने से रोका? और क्या तुमको एक घूँसा मारा?

स्नो

जी हाँ।

क्लार्क

क्या उसने कहा इसे छोड़ दो, डिबिया मैंने ली है।

स्नो

जी हाँ!

क्लार्क

और तब तुमने सीटी बजाई और दूसरे कांस्टेबिल की मदद से उसे हिरासत में ले लिया?

स्नो

जी हाँ। [ १९३ ]

क्लार्क

क्या थाने पर जाते हुए वह बहुत ग़ुस्से में था और तुम्हें गालियाँ दीं? और बार बार कहता रहा कि डिबिया मैंने ली है?

[ स्नो सिर हिलाता है ]

क्या इसपर तुमने उससे पूछा कि डिबिया तुमने कैसे चुराई? और क्या उसने कहा कि मैं छोटे मिस्टर बार्थिविक के बुलाने पर मकान में गया?

[ बार्थिविक अपनी जगह पर घूमकर रोपर की तरफ़ कड़ी दृष्टि से देखता है ]

क्या उस दिन इस्टर मंडे की आधी रात थी? और मैंने ह्विस्की पी और उसीके नशे में डिबिया उठाली?

स्नो

जी हाँ।

क्लार्क

क्या वह बराबर इसी तरह झल्लाता रहा?

१३

[ १९४ ]

स्नो

जी हाँ!

जोन्स

[ बीच में बोलकर ]

ज़रूर झल्लाता रहा। जब मैं तुमसे कह रहा था कि डिबिया मैंने ली है तो तुमने मेरी बीबी पर क्यों हाथ डाला?

मैजिस्ट्रेट

[ गर्दन बढ़ाकर हिश करके डाटता हुआ ]

तुम जो कुछ कहना चाहोगे, उसे कहने का मौक़ा तुझे अभी मिलेगा। इस अफ़सर से तुम्हें कुछ पूछना है।

जोन्स

[ चिढ़कर ]

नहीं। [ १९५ ]

मैजिस्ट्रेट

अच्छी बात है। हम पहले मुजरिम औरत का बयान लेंगे।

मिसेज़ जोन्स

हज़ूर, मैं तो अब भी वही कहती हूं जो अब तक बराबर कहती आ रही हूँ कि मैंने डिबिया नहीं चुराई।

मैजिस्ट्रेट

ठीक है, लेकिन क्या तुमको मालूम था कि किसी ने उसे चुराया?

मिसेज़ जोन्स

नहीं हज़ूर, और मेरे शौहर ने जो कुछ कहा है उसके बारे में मैं कुछ नहीं जानती। हाँ इतना ज़रूर जानती हूँ कि वह सोमवार को बहुत रात गए घर आये। उस वक्त एक बज चुका था। और वह

अपने आपे में न थे। [ १९६ ]

मैजिस्ट्रेट

क्या वह शराब पीये था?

मिसेज़ जोन्स

हाँ हज़ूर!

मैजिस्ट्रेट

और वह नशे में था?

मिसेज़ जोन्स

हाँ हज़ूर, बिलकुल बे ख़बर था।

मैजिस्ट्रेट

और उसने तुमसे कुछ कहा?

मिसेज़ जोन्स

नहीं हज़ूर, खाली मुझे गालियाँ देता रहा। और सुबह को जब मैं उठी और काम करने चली गई तो वह [ १९७ ]सोता रहा। फिर मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानती। हाँ, मिस्टर बार्थिविक ने जो मेरे मालिक हैं, मुझसे कहा कि डिबिया ग़ायब हो गई है।

मैजिस्ट्रेट

हाँ! हाँ!

मिसेज़ जोन्स

तो जब मैं अपने शौहर का कोट हिलाने लगी तो सिग्रेट की डिबिया उस में से गिर पड़ी। और सारे सिग्रेट चारपाई पर बिखर गए।

मैजिस्ट्रेट

[ स्नो से ]

तुम कहते हो कि सिग्रेट चारपाई पर बिखर गए? तुमने सिग्रेट चारपाई पर बिखरे देखे थे?

स्नो

नहीं हज़ूर, मैंने नहीं देखा। [ १९८ ]

मैजिस्ट्रेट

यह तो कहते हैं कि मैंने उन्हें बिखरे नहीं देखा!

जोन्स

न देखा हो, लेकिन बिखरे थे।

स्नो

हज़ूर, मैने कमरे की सब चीज़ों के देखने का मौक़ा ही नहीं पाया। इस मर्द ने मेरा काम ही हलका कर दिया।

मैजिस्ट्रेट

[ मिसेज़ जोन्स से ]

अच्छा तुम्हें और क्या कहना है?

मिसेज़ जोन्स

तो हज़ूर, जब डिबिया देखी, तो मेरे होश उड़ गए। और मेरी समझ में न आया कि उन्होंने क्यों ऐसा [ १९९ ]काम किया। जब जासूस अफ़सर आया तो हम लोगों में इसीके बारे में कहा सुनी हो रही थी। क्योंकि हज़ूर, इसने मुझे तबाह कर दिया। अब मुझे कौन नौकर रक्खेगा। मेरे तीन तीन बच्चे हैं हज़ूर।

मैजिस्ट्रेट

[ गर्दन बढ़ाकर ]

हाँ, हाँ! लेकिन उसने तुमसे कहा क्या?

मिसेज़ जोन्स

मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे ऊपर ऐसी क्या अाफ़त आई कि तुमने ऐसा काम कर डाला। उसने कहा कि यह नशे के कारण हुआ। मैंने बहुत शराब पी ली थी और न जाने मुझपर क्या सनक सवार हो गई थी। और बात यह है हज़ूर, कि उन्होंने दिन भर कुछ नहीं खाया था। और जब ख़ाली पेट कोई शराब पीता है, तो चट दिमाग़ पर असर हो जाता है। हज़ूर, न जानते हों लेकिन यह बात सच है। [ २०० ]और मैं क़सम खाकर कहती हूँ कि जबसे हमारा ब्याह हुआ, उसने कभी ऐसा काम नहीं किया। हालाँकि हम लोगों को बड़ी बड़ी आफ़तें झेलनी पड़ी।

[ कुछ ज़ोर देकर बात करती हुई ]

मुझे विश्वास है कि अगर वह अपने आप में होते तो ऐसा काम कभी न करते।

मैजिस्ट्रेट

हाँ, हाँ! लेकिन क्या तुम नहीं जानती कि यह कोई उज्र नहीं है?

मिसेज़ जोन्स

हाँ जानती हूँ, हज़ूर।

[ मैजिस्ट्रेट आगे झुक जाता है और क्लार्क से बातें करता है। ]

जैक

[ पीछे की जगह से आगे को झुककर ]

दादा, मैं कहता हूँ। [ २०१ ]

बार्थिविक

चुप रहो।

[ रोपर से बातें करते हुए मुंह छिपाकर ]

रोपर, अच्छा हो कि तुम अब खड़े हो जाओ और कह दो कि और सब बातों और क़ैदियों की ग़रीबी का ख़याल करके हम इस मुक़दमे को और आगे नहीं बढ़ाना चाहते। और अगर मैजिस्ट्रेट साहब इसे उस आदमी का फ़िसाद समझ कर काररवाई करें---

गंजा कांस्टेबिल

खामोश!

[ रोपर सिर हिलाता है ]

मैजिस्ट्रेट

अच्छा, अब अगर यह मान लिया जाय कि जो कुछ तुम कहती हो वह सच है और जो कुछ तुम्हारा शौहर कहता है वह भी सच है तो मुझे यह विचार करना पड़ेगा कि वह कैसे घर के अन्दर [ २०२ ]पहुँचा। और क्या तुमने अन्दर पहुँचने में उसकी कुछ मदद की? तुम उस मकान में मज़दूरनी का काम करती हो न?

मिसेज़ जोन्स

जी हाँ, हज़ूर, लेकिन अगर मैं उसको मकान के अन्दर घुसने में मदद देती तो मेरे लिए यह बहुत बुरा काम होता। और मैंने जहाँ जहाँ काम किया कभी ऐसा न किया।

मैजिस्ट्रेट

ख़ैर, यह तो तुम कहती हो। अब देखें तुम्हारा शौहर क्या बयान देता है।

जोन्स

[ जो पीछे के कठघरे में हाथ टेके हुए धीमी रूखी आवाज़ से बोलता है ]

मैं वही कहता हूं जो कुछ मेरी बीबी कहती है। मैं कभी पुलीस कोर्ट में नहीं लाया गया। और मैं साबित [ २०३ ]कर सकता हूँ कि मैंने यह काम नशे में किया। मैंने अपनी बीबी से कह दिया और वह भी यही कहेगी कि मैं उस चीज़ को पानी में फेंकने जा रहा था। यह इससे कहीं अच्छा था कि मैं उसके पीछे परेशान होता।

मैजिस्ट्रेट

लेकिन तुम मकान के अन्दर घुसे कैसे?

जोन्स

मैं उधर से गुजर रहा था। मैं "गोट और बेल्स" सराय से घर जा रहा था।

मैजिस्ट्रेट

गोट और बेल्स क्या चीज़ है? क्या सराय है?

जोन्स

हाँ, उस कोने पर। उस दिन बैंक की छुट्टी थी और मैंने दो घूँट पी ली थी। मैंने छोटे मिस्टर बार्थिविक को ग़लत जगह दरवाज़े पर कुंजी लगाते हुए देखा। [ २०४ ]

मैजिस्ट्रेट

अच्छा!

जोन्स

[ आहिस्ता से और कई बार रुककर ]

तो मैंने उन्हें कुंजी का सुराख़ दिखा दिया। वह नवाबों की तरह शराब में चूर था। तब वह चला गया लेकिन थोड़ी देर के बाद लौटकर बोला, मेरे पास तुम्हें देने को कुछ नहीं है। लेकिन अन्दर आकर थोड़ी सी पी लो। तब मैं अन्दर चला गया। आप भी ऐसा ही करते। तब हमने थोड़ी सी ह्विस्की पी। आप भी इसी तरह पीते। तब छोटे मिस्टर बार्थिविक ने मुझसे कहा, थोड़ी सी शराब पी लो। और तम्बाक़ू भी पियो। तुम जो चीज़ चाहो ले लो। यह कह कर वह सोफ़ा पर सो गया। तब मैंने थोड़ी सी और शराब पी। और सिग्रेट भी पिया। फिर मैं आपसे नहीं कह सकता कि इसके बाद क्या हुआ। [ २०५ ]

मैजिस्ट्रेट

क्या तुम्हारा मतलब है कि तुम नशे में इतने चूर थे कि कुछ भी याद नहीं रहा?

जैक

[ बाप से नरमी के साथ ]

ठीक यही बात है---जो---

बार्थिविक

चुप!

जोन्स

हाँ, मेरा यही मतलब है।

मैजिस्ट्रेट

फिर भी तुम कहते हो कि तुमने डिबिया चुराई?

जोन्स

मैंने डिबिया चुराई! हरगिज़ नहीं। मैंने सिर्फ ले ली थी [ २०६ ]

मैजिस्ट्रेट

[ गर्दन आगे बढ़ाकर ]

तुमने इसे चुराया नहीं? तुमने इसे सिर्फ़ ले लिया? क्या तुम्हारी थी? यह चोरी नहीं तो और है क्या?

जोन्स

मैंने इसे ले लिया।

मैजिस्ट्रेट

तुमने इसे ले लिया! तुम इसे उनके घर से अपने घर ले गए---

जोन्स

[ ग़ुस्से से बात काट कर ]

मेरे कोई घर नहीं है।

मैजिस्ट्रेट

अच्छी बात है। देखें नवयुवक मिस्टर बार्थिविक तुम्हारे बयान के बारे में क्या कहते हैं? [ २०७ ]

[ स्नो गवाहों के कठघरे से चला जाता है। गंजा कांस्टेबिल जैक को इशारे से बुलाता है और वह अपनी टोपी लिए गवाहों के कठघरे में आता है। रोपर मेज़ के पास चला पाता है जो वकीलों के लिए अलग की हुई है। ]

हलफ़ देनेवाला क्लार्क

तुम अदालत के सामने जो बयान दोगे उसे सच होना चाहिए बिलकुल सच होना चाहिए और सिवा सच के कुछ न होना चाहिए। ईश्वर तुम्हारी मदद करे। इस किताब को चूमो।

[ जैक किताब चूमता है। ]

रोपर

[ जिरह करते हुए ]

तुम्हारा क्या नाम है?

जैक

[ धीमी आवाज़ में ]

जॉन बार्थिविक जूनियर। [ २०८ ]

[ क्लार्क इसे लिख लेता है ]

रोपर

कहाँ रहते हो?

जैक

नं० ६ राकिंघम गेट।

[ उसके सब जवाबों को क्लार्क लिखता जाता है ]

रोपर

तुम मालिक के लड़के हो?

जैक

[ बहुत धीमी आवाज़ में ]

हाँ।

रोपर

ज़रा ज़ोर से बोलो। क्या तुम मुजरिम को जानते हो?

जैक

[ जोन्स स्त्री पुरुष की ओर देखकर धीमी आवाज़ में ]

मैं मिसेज़ जोन्स को जानता हूँ। [ २०९ ]मैं---

[ ऊंची आवाज़ में ]

मर्द को नहीं जानता।

जोन्स

लेकिन मैं तुमको जानता हूँ।

गंजा कांस्टेबिल

चुप रहो।

रोपर

अच्छा क्या तुम ईस्टर-मंडे की रात को बहुत देर में घर आए थे?

जैक

हाँ!

रोपर

क्या तुमने ग़लती से दरवाज़े की कुंजी दरवाज़े में लगी हुई छोड़ दी?

१४

[ २१० ]

जैक

हाँ।

मैजिस्ट्रेट

अच्छा, तुमने कुंजी दरवाज़े में ही लगी छोड़ दी?

रोपर

और अपने आने के विषय में तुम्हें सिर्फ़ इतना ही याद है?

जैक

[ धीमी आवाज़ में ]

हाँ, इतना ही।

मैजिस्ट्रेट

तुमने इस मर्द मुजरिम का बयान सुना है। उसके बारे में तुम क्या कहते हो?

[ मैजिस्ट्रेट की तरफ़ मुड़ कर दृढ़ता के साथ ]

बात यह है हज़ूर, कि मैं रात को थिएटर देखने चला [ २११ ]गया था। वहाँ खाना खाया और बहुत रात गए घर पहुँचा।

मैजिस्ट्रेट

तुम्हें याद है कि जब तुम आए तो यह आदमी बाहर खड़ा था?

जैक

जी नहीं।

[ वह हिचकता है ]

मुझे तो यह याद नहीं।

मैजिस्ट्रेट

[ कुछ गड़बड़ा कर ]

क्या इस आदमी ने तुम्हें दरवाज़ा खोलने में मदद दी? जैसा इसने अभी कहा है। किसी ने दरवाज़ा खोलने में तुम्हें मदद दी?

जैक

जी नहीं! मैं तो ऐसा नहीं समझता। मुझे याद नहीं। [ २१२ ]

मैजिस्ट्रेट

तुम्हें याद नहीं? लेकिन याद करना पड़ेगा। तुम्हारे लिए यह कोई मामूली बात तो नहीं है कि जब तुम आओ तो दूसरा आदमी दरवाज़ा खोल दे! क्यों?

जैक

[ लज्जा से मुसकिराकर ]

नहीं।

मैजिस्ट्रेट

अच्छा तब?

जैक

[ असमंजस में पड़कर ]

बात यह है कि शायद मैंने उस रात को बहुत ज़्यादा शामपेन पी ली थी।

मैजिस्ट्रेट

[ मुसकिराकर ]

अच्छा, तुमने बहुत ज़्यादा शामपेन पी ली थी? [ २१३ ]

जोन्स

मैं इन महाशय से एक सवाल पूछ सकता हूँ?

मैजिस्ट्रेट

हाँ, हाँ! तुम जो कुछ पूछना चाहो पूछ सकते हो।

जोन्स

क्या आपको याद नहीं है कि आपने कहा था कि मैं अपने बाप की तरह लिबरल हूँ और मुझ से पूछा था कि तुम क्या हो?

जैक

[ माथे पर हाथ रखकर ]

मुझे कुछ याद आता है----

जोन्स

और मैंने आपसे कहा था कि मैं पक्का कंसर्वेटिव हूँ। तब आपने मुझसे कहा, तुम तो साम्यवादी से मालूम पड़ते हो। जो कुछ चाहो ले लो। [ २१४ ]

जैक

[ दृढ़ता के साथ ]

नहीं मुझे इस तरह की कोई बात याद नहीं है।

जोन्स

लेकिन मुझे याद है। और मैं उतना ही सच बोलता हूँ जितना आप। मैं इसके पहले कभी पुलीस कोर्ट में नहीं लाया गया। ज़रा इधर देखिए, क्या आपको याद नहीं है कि आपके हाथ में एक नीले रंग की थैली थी? और---

[ बार्थिविक उछल पड़ता है ]

रोपर

मैं हज़ूर से अर्ज़ करना चाहता हूँ कि यह प्रश्न फ़जूल है। क्योंकि क़ैदी ने ख़ुद इक़बाल कर लिया है कि उसे कुछ याद नहीं।

[ मैजिस्ट्रेट के चेहरे पर मुसकराहट दिखाई पड़ती है ]

अन्धा अन्धे को क्या रास्ता दिखा रहा है। [ २१५ ]

जोन्स

[ बिगड़ कर ]

मैंने इनसे ज़्यादा ख़राब काम नहीं किया है। मैं ग़रीब आदमी हूँ, मेरे पास न रुपए हैं न दोस्त हैं। वह धनी है, वह जो कुछ चाहे कर सकता है।

मैजिस्ट्रेट

बस बस, इन बातों से कोई फ़ायदा नहीं। तुम्हें शान्त रहना चाहिए। तुम कहते हो, यह डिबिया मैंने लेली। तुमने क्यों उसे ले लिया? क्या तुम्हें रुपए की बहुत ज़रूरत थी?

जोन्स

रुपए की तो मुझे हमेशा ज़रूरत रहती है।

मैजिस्ट्रेट

क्या इसी लिए तुमने उसे ले लिया?

जोन्स

नहीं। [ २१६ ]

मैजिस्ट्रेट

[ स्नो से ]

उसके पास कोई चीज़ बरामद हुई?

स्नो

जी हाँ, हज़ूर। इसके पास ६ पौं० १२ शिलिंग निकले। और यह थैली।

[ लाल रेशमी थैली मैजिस्ट्रेट के हाथ में रख दी जाती है। बार्थिविक अपनी जगह से उचक पड़ता है लेकिन फिर बैठ जाता है। ]

मैजिस्ट्रेट

[ थैली की तरफ़ देख कर ]

हाँ, हाँ! लाओ, इसे देखूँ।

[ सब चुप हो जाते हैं ]

नहीं, थैली के बारे में कोई बयान नहीं है। तुम्हें वे सब रुपए कहाँ मिले?

जोन्स

[ कुछ देर चुप रह कर एकाएक बोल उठता है ]

मैं इस सवाल का जवाब देने से इनकार करता हूं। [ २१७ ]

मैजिस्ट्रेट

अगर तुम्हारे पास इतने रुपए थे तो तुम ने डिबिया क्यों ली?

जोन्स

मैंने इसे जलन की वजह से ली।

मैजिस्ट्रेट

[ गर्दन बढ़ा कर ]

तुमने इसे जलन की वजह से लिया? ख़ैर, यह एक बात है। लेकिन क्या तुम ख़याल करते हो कि तुम जलन की वजह से दूसरों की चीज़ें लेकर शहर में रह सकते हो?

जोन्स

अगर आपकी हालत मेरी सी होती, अगर आप भी बेकार होते----

मैजिस्ट्रेट

हाँ हाँ, मैं जानता हूं। चूँकि तुम बेकार हो, तुम समझते हो कि चाहे तुम जो कुछ करो, माफ़ हो जायगा। [ २१८ ]

जोन्स

[ जैक की तरफ़ उँगली दिखला कर ]

आप उनसे पूछिए। उन्हों ने क्यों उसकी थैली----

रोपर

[ आहिस्ता से ]

क्या हज़ूर को अभी इस गवाह को और ज़रूरत है?

मैजिस्ट्रेट

[ व्यंग से ]

नहीं! कोई फायदा नहीं।

[ जैक कठघरे से चला जाता है, और सिर झुकाए हुए अपनी जगह पर बैठ जाता है। ]

जोन्स

आप इनसे पूछिए कि इन्होंने क्यों उस औरत की---

[ लेकिन गंजा कांस्टेबिल उसकी आस्तीन पकड़ लेता है। ]

गंजा कान्स्टेबिल

चुप! [ २१९ ]

मैजिस्ट्रेट

[ ज़ोर दे कर ]

मेरी बात सुनो! मुझे इससे कोई मतलब नहीं कि इन्होंने क्या लिया और क्या नहीं लिया? तुमने पुलिस के काम में मदाख़िलत क्यों की?

जोन्स

उनका काम यह नहीं था कि मेरी बीबी को गिरफ्तार करते! वह एक शरीफ़ औरत है और उसने कुछ, नहीं किया है।

मैजिस्ट्रेट

नहीं, पुलिस का यही काम था तुमने अफ़सर को घूँसा क्यों मारा?

जोन्स

ऐसी हालत में दूसरा आदमी भी मारता? अगर मेरा बस चलता तो फिर मारता। [ २२० ]

मैजिस्ट्रेट

इस प्रकार बिगड़ कर तुम अपने मुक़दमे को कुछ मदद नहीं पहुँचा रहे हो। अगर सभी तुम्हारी तरह करने लगें तो हमारा काम ही न चले।

जोन्स

[ आगे झुककर, चिन्तित स्वर में ]

लेकिन उसकी क्या दशा होगी? इस बदनामी से उसे जो नुक़सान हुआ, वह कोन भरेगा।

मिसेज़ जोन्स

हज़ूर, बच्चों की फ़िक्र इन्हें सता रही है। क्योंकि मेरी नौकरी जाती रही। और इस बदनामी की वजह से मुझे दूसरा मकान लेना पड़ा।

मैजिस्ट्रेट

हां हां, मैं जानता हूं। लेकिन इसने अगर ऐसा काम न किया होता, तो किसी का कुछ न होता। [ २२१ ]

जोन्स

[ घूम कर जैक की तरफ़ देखते हुए ]

मेरा काम इतना बुरा नहीं है, कि जितना इनका। पूछता हूँ इनका क्या होगा?

[ गंजा काँस्टेबिल फिर कहता है----चुप ]

रोपर

मिस्टर बार्थिविक, यह अर्ज़ कर रहे हैं कि क़ैदी ग़रीबी का ख़याल करके वह डिबिए के मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। शायद हज़ूर। दंगे कर काररवाई करेंगे।

जोन्स

मैं इसको दबने न दूँगा। मैं चाहता हूं, कि सब कुछ इंसाफ़ के साथ किया जाय--मैं अपना हक़ चाहता हूँ।

मैजिस्ट्रेट

[ डेस्क को पीट कर ]

तुमको जो कुछ कहना था, कह चुके। अब चुप रहो। [ २२२ ]

[ सन्नाटा हो जाता है। मैजिस्ट्रेट झुक कर क्लार्क से बातें करता है। ]

हां, मेरा ख़याल है कि इस औरत को बरी कर दूं।

वह दया भाव से मिसेज़ जोन्स से कहता है जो अभी तक कठघरे पर हाथ धरे अनिश्चल खड़ी है ]

मेरे लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि इस आदमी ने ऐसा काम किया। इसका फल उसको नहीं भोगना पड़ा बलिक तुमको भोगना पड़ा। तुम्हें यहाँ दो बार आना पड़ा, तुम्हारी नौकरी छूट गई।

[ जोन्स की तरफ़ ताकता है ]

और यही हमेशा होता है। तुम अब जाओ। मुझे दुःख है कि तुमको यहां व्यर्थ बुलाना पड़ा।

मिसेज़ जोन्स

[ धीमी आवाज़ से ]

हज़ूर! अनेक धन्यवाद।

[ वह कठघरे से चली जाती है और पीछे फिर कर जोन्स की तरफ़ देखती हुई अपने हाथों को मलती है। और खड़ी हो जाती है। ]

[ २२३ ]

मैजिस्ट्रेट

हाँ हाँ, मेरे बस की बात नहीं। अब जानो, तुम ख़ूब समझदार हो।

[ मिसेज़ जोन्स पीछे खड़ी होती है, मैजिस्ट्रेट अपने हाथ पर झुका लेता है तब सिर उठा कर जोन्स से कहता है। ]

मेरी बात सुनो। क्या तुम चाहते हो कि यह यहीं तय कर दिया जाय या जूरी

[ पंचायत ]

के पास भेज दिया जाय।

जोन्स

[ बड़ बड़ाता हुआ ]

मैं जूरी नहीं चाहता।

मैजिस्ट्रेट

अच्छी बात है। मैं यहीं तय कर दूँगा।

[ ज़रा रुक कर ]

तुमने डिबिया चुराना स्वीकार कर लिया है--[ २२४ ]

जोन्स

राना नहीं---

गंजा कान्स्टेबिल

मैजिस्ट्रेट

पुलीस पर हमला करना--

जोन्स

कोई भी आदमी ऐसी बेजा---

मैजिस्ट्रेट

यहाँ तुम्हारा व्यवहार बहुत बुरा था। तुम यह सफ़ाई देते हो कि जब तुमने डिबिया चुराई तब तुम नशे में थे। यह कोई सफ़ाई नहीं है। अगर तुम शराब पीकर क़ानून को तोड़ोगे तो तुम्हें उसका फल भोगना पड़ेगा। और मैं तुमसे साफ़ साफ़ कहता हूँ कि तुम जैसे आदमी जो नशे में चूर हो जाते हैं, और जलन या उसे जो कुछ तुम कहना चाहो, [ २२५ ]उसके फेर में पड़ कर दूसरों की बुराई करते हैं वे समाज के शत्रु हैं।

जैक

[ अपनी जगह पर झुक कर ]

दादा! यही तो आपने मुझसे भी कहा था।

बार्थिविक

चुप!

[ सब चुप हो जाते हैं। मैजिस्ट्रेट क्लार्क से राय लेता है। जो आगे झुका हुआ प्रतीक्षा करता है। ]

मैजिस्ट्रेट

यह तुम्हारा पहला क़सूर है और मैं तुम्हें हल्की से देना चाहता हूँ।

[ तीव्र स्वर में लेकिन बिना कोई भाव प्रकट किए हुए ]

एक महीने की कड़ी क़ैद।

[ वह झुक कर क्लार्क से बातें करता है। गंजा कांस्टेबिल और एक दूसरा सिपाही मिल कर जोन्स को कठघरे से ले जाते हैं ]

जोन्स

[ रुककर और पीछे हट कर ]

१५

[ २२६ ]तुम इसे न्याय कहते हो? जैक का तो कुछ भी नहीं बिगड़ा? उसने शाराब पी, उसने थैली ली---उसी ने थैली ली लेकिन।

[ ज़बान दबा कर ]

रुपया उसे बचा ले गया। वाह रे इंसाफ!

गठरी में बन्द कर दिया जाता है और स्त्री पुरुषों के मुँह से एक सूखी धीमी आह निकलती है। ]

मैजिस्ट्रेट

अब हम नाशता करने जाते हैं।

[ वह अपनी जगह से उठता है ]

अदालत में हलचल मच जाती है, रोपर उठता है और समाचार के सम्वाददाता से बातें करता है। जैक सिर उठा कर अकड़ता हुआ बरामदे में चला जाता है। बार्थिविक भी उसके पीछे पीछे जाता है। ]

मिसेज़ जोन्स

[ विनीत भाव से उसकी तरफ़ फिर कर ]

हज़ूर! [ २२७ ]

[बार्थिविक असमंजस में पड़ जाता है। फिर हिम्मत हारकर अत्यंत लज्जित भाव से इंकार का संकेत करता है और जल्दी से कचहरी से चला जाता है। मिसेज़ जोन्स उसकी तरफ देखती खड़ीरह जाती है।]

परदा गिरता है।