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अद्भुत आलाप


छोटा-सा द्वीप फ़रांसीसियों का है। उसका क्षेत्रफल ३८१ वर्गमील है। उसमें १,६९,२३० मनुष्य रहते हैं। वह ४५ मील लंबा और १५ मील चौड़ा है। उसकी पहली राजधानी फोर्ट-डी फ्रांस-नामक नगर था परंतु कुछ दिनों से सेंटपीरी-नामक नगर राजधानी बनाया गया है। सेंटपीरी के उत्तर और दक्षिण, दोनो ओर, ज्वालामुखी पर्वत हैं। इन पवतों में मौंटपीरी सबसे बड़ा है। उसकी उँचाई ४,४३० फ़ीट है। ये ज्वाला-वर्षी पर्वत बड़े ही विकराल हैं। परतु बहुत समय से ये निहित थे। किसी को यह शंका न थी कि फिर कभी ये पर्वत ज्वाला उगलने लगेंगे। मनुष्यों का यह अनुमान झूठ निकला। गत वर्ष, मई के महीने में, एक दिन, प्रातःकाल, मौंटपीरी ने अपना विकराल मुख सहसा खोल दिया। बड़े वेग से उसका स्फोट हुआ, और राख, पत्थर, तप्त धातु इत्यादि की अखंड वृष्टि होने लगी। एक ऐसा विषाक्त धुआँ उसके भीतर से निकलना आरंभ हुआ कि उसके फैलते ही कोई पंद्रह-बीस मिनट में ही, सेंटपीरी मनुष्यहीन हो गया। लगभग ३०,००० मनुष्य थोड़ी ही देर में भूमिशायी हो गए। जो जहाँ था, वह वहाँ ही रह गया। फ्रास का गवर्नर और उसकी स्त्री भी मृत्यु के मुख में पड़ी। अमेरिका और इँगलैंड के सरकारी मुलाजिम भी न बचे। बचा एक हबशी अपराधी! उसने मनुष्य-हत्या की थी। इसलिये उसे प्राण-दंड की आज्ञा हुई थी। दो-ही-चार दिनों में उसे फाँसी होनेवाली थी। वह भू-गर्भ में एक कोठरी के भीतर बंद था। अतएव वही