पृष्ठ:अहिंसा Ahimsa, by M. K. Gandhi.pdf/११६

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अहिंसा अहिंसाका प्रयोग करेगा। क्योंकि कांग्रेसघालोंने इस तरह हिंसाका प्रयोग नहीं किया, पकिंग कमेटी इस नतीजे पर पहुंची। उनका ऐसा कहना सही है कि कांग्रेसवाले अन्दरूनी फसाद और बाहरी आक्रमणके लिए सफल अहिंसक उपचार करनेकी तैयारी नहीं रखते। मामूली अहिंसक उपायसे जो परेशानी पैदा होती है वह स्थिर सत्ताको सार्वजनिक मांगके सामने मुकने पर मजबूर कर देती है। जाहिर है कि फसाबके सामने ऐसी अहिंसा कुछ काम नहीं कर सकती। यहां तो हमें फसाब खड़ा करनेवालोंके प्रति हत्यमे किसी किस्मका द्वेष या गुस्सा न रखते हुए उनके हाथों मर जाना है। अब तो यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि जिस अहिंसाको काँग्रेसने आजतक चलाया है उससे अबकी अहिंसा बिलकुल अलग किस्मकी है। मगर यही सच्ची अहिंसा है, और यही जगतको तपाहीसे बचा सकती है। अगर हिंदुस्तान जगतको अहिंसाका सन्देश न दे सका तो यह तमाही आज या कल आने ही वाली है। और कसके बबले आज इसके आनेको सम्भावना अधिक है। भगत युद्धके शापसे बचना चाहता है। पर कैसे बचे इसका उसे पता नहीं चलता। यह भाबी हिन्दुस्तानके हाथमें है। जब उपरका लेख लिखा और टाइप किया जा चुका था, मैने पंडित जवाहरलालजीका अयान बेला । उसके एक-एक वाक्यसे मेरे प्रति उनका विश्वास और प्रेम टपकता है, पर इस कारण मेरे इस लेखमें कुछ तरमीम करनेकी जरूरत नहीं । अबछा है कि पाठक यह जान लें कि हम दोनोंके मनपर कमेटीके निवेदनका स्वतंत्र असर क्या हुआ। इस जुदाईका मातीजा भला ही होगा। हरिजन सेवक २९ जून, १९४० क्या किया जाय? प्रश्न- देशकी हालत दिन-ब-दिन गम्भीर होती जा रही है । सब जगह घबराहट बढ़ रही है। कहीं-कहीं तो बदमाशोंने हथियारबन्द जत्थे बनाने भी शुरू कर दिये है, ताकि सर- कारकी शक्ति टूट जाय या कमजोर पड़ जाय, तो उससे पैदा होनेवाली अराजकताका वह लोग फायदा उठा सके। भले ही यह खतरा आप मिनाद न हो, पर इसकी संभावनापर ध्यान न देना मूर्खता होगी। बाप इससे सहमत होंगे कि आजतक पिछले २० वर्षमें जितनी भी अहिंसाकी तालीम देशको मिली है, उससे ऐसी अहिंसक शक्ति पैदा नहीं हुई है कि अराजकता और गुण्डईका सफलतासे मुकाबला किया आसके। जो लोग दिशा-सूचनाके लिए आपको और आँख लगाये बैठे हैं, उनका क्या धर्म हो जाता है ? क्या वह लोग सरकारको प्रवृत्तियों में हिस्सा छै? अगर नहीं तो और क्या करें? निश्चय ही वह लोग हाथ-पर-हाथ रखकर तो नहीं बैठ सकते। सर-में नहीं कह सकता कि बकिंग कमेटी के हालके वमानके बार कांग्रेस सबभूष