अथस को सुराख के अन्दर रहकर अभी दूसरी दीवार और फोड़नी थी, तब कहीं जाकर वह राजा के पास तक पहुँच सकता था। इन चारों ने सोचा कि अभी तो सारा दिन पड़ा है, बधिक तो आवेगा ही नहीं, चलो बिस्टल से एक साथी और पकड़ लावें।
आर्ट गनन और पोरथस अपने-अपने कपड़े बदलने चले गए, और अरे-मिस पादरी से सहायता प्राप्त करने की आशा से उनके पास चला गया।
तीनों ने व्हाइटहॉल के सामने दोपहर को मिलने का निश्चय किया ताकि वे वहाँ की कार्यवाही देख सकें। पाड़ छोड़ने से पहले अरेमिस उस सुराख के पास, जहाँ अथस छिपा हुआ था, गया और उससे बोला कि मैं जाता हूँ। एक बार मैं चार्ल्स से मिलने का फिर प्रयत्न करूँगा।
अथस ने कहा--"साहस न खोना। राजा से सारा मामला कह सुनाना। उनसे कहना कि जब वे अकेले हों तो फर्श पर खटखटा दें ताकि मैं निश्चय-पूर्वक अपना काम करता रहूँ। अगर पेरी चिमनी का पत्थर हटाने में मेरी सहायता करे तो और भी अच्छा है। यदि कमरे में कोई पहरेदार हो तो फौरन उसे मार डालो। और जो दो हों तो एक को पेरी मार डालेगा और एक को तुम मार डालना। पर यदि तीन हों तो चाहे तुम मर भी क्यों न जाओ, किसी न किसी प्रकार राजा की रक्षा करना।"
अरेमिस ने कहा--"मैं दो कटार ले आऊँगा। इनमें से एक पेरी को दे दूंगा।"
"हाँ, अब जाओ पर राजा को सावधान कर देना कि खुशी में बहुत फूल नहीं। जब तुम लड़ रहे हो और उन्हें मौका मिले तो उनसे कह देना कि वे भाग जावें। फिर तुम चाहे मरना या जीना। दस मिनट तक तो सुराख का पता लग ही न सकेगा कि राजा किधर भाग गए। इन दस मिनटों में हम अपने रास्ते लगेंगे और राजा की प्राण-रक्षा हो जायगी|"
"जैसा तुम कहते हो, वह तो होगा ही अथस। लाओ हाथ मिलाओ। शायद अब हम कभी न मिलेंगे।"
अथस ने अपनी बाँहें अरेमिस के गले में डाल दी और दोनों बगलगीर होकर मिले।
उसने कहा--"तुम्हारी खातिर अब यदि मैं मर भी जाऊँ तो आर्टगनन
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