खेती की पैदावार औद्योगिक कचे पदार्थ १७१ २६४ चीन ७,०००,००० fh (Egypt) ४,१२०,००० युगन्डा ४,१२०,००० ऐंग्लो इजिपशियन सुदान ४६६,००० भिन्न भिन्न देशों में कपास की प्रति एकड़ पैदागार मिश्र ( Egypt) पीर ५०५ सुदान २७७ अरजैनटाइन १५१ सोवियत यूनियन ३२२ संयुक्तराज्य अमेरिका ब्राजील युगन्डा भारतवर्ष लंकाशायर के व्यवसायी संयुक्तराज्य अमेरिका पर ही .सोलह आना कपास के लिए निर्भर हैं। कमशः संयुक्तराज्य अमेरिका अपनी कपास को बाहर भेजना कम करता जाता है क्योंकि वहां कपड़े का धंधा तेजी से बढ़ रहा है। भारतवर्ष भी कपड़े का धंधा तेजी से बढ़ने के कारण भविष्य में अधिक कपास बाहर न भेज सकेगा । फिर भारतवर्ष की कपास का लंकाशायर के कारखाने उपयोग नहीं करते इस कारण लंकाशायर के व्यवसायी भविष्य में कपास की कमी की आशंका से भयभीत हो उठे और British Cotton Growing Association . की स्थापना करके वे अफ्रीका में अधिकाधिक. कपास की खेती बढ़ाने का प्रयत्न कर रहे हैं। कपास के बोन को बिनौला कहते हैं । इसका अधिक. उपयोग तेल निकालने में होता है। इसकी खली का उपयोग बिनौला खाद के रूप में होता है । बिनौला दूध देने वाले (Cotton Seed ) पशुओं को भी खिलाया जाता है। अधिकतर संयुक्तराज्य अमेरिका, भारतवर्ष तथा चीन से बिनौला बाहर भेजा जाता है। ब्रिटेन और संयुक्तराज्य अमेरिका अधिकांश बिनौले का तेल बाहर भेजते हैं और डैनमार्क, हालैंड, बैल्जियम, तथा कनाडा में विनौले का तेल दूध देने वाले पशुओं को खिलाने के लिए मँगाया जाता है।
पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/१८१
दिखावट