२२० आर्थिक भूगोल कच्चा लोहा मँगाने को तथा तैयार माल को बाहर भेजने की विशेष सुविधा प्राप्त है। इसी कारण अधिकांश मुख्य केन्द्र समुद्र के किनारे हैं। जो अन्दर की तरफ हैं वे भी समुद्र से अधिक दूरी पर नहीं हैं। ब्रिभिंगहम ( Birmingham ) तथा शैफील्ड ब्रिटेन के प्रधान केन्द्र हैं। यद्यपि यह कुछ अन्दर की तरफ हैं परन्तु फिर भी उन्हें यातायात को बहुत सुविधा है। इसी कारण वे इतने महत्त्वपूर्ण हैं । ब्रिटेन के लोहे और स्टील के धन्धे को यही एक विशेषता है। लोहा और कोयला समीप ही मिलने के अति- रिक्त बाहर से लोहा मँगाने तथा तैयार माल को बाहर भेजने की भी उन्हें विशेष सुविधा है । इसी भौगोलिक अनुकूलता के हो कारण ब्रिटेन का धन्धा इतना अधिक उन्नति कर गया है। ब्रिटेन के लोहे तथा स्यात के निम्नलिखित मुख्य केन्द्र हैं-उत्तरी पूर्वी समुद्र तट, डी ( Derby ), लीसस्टर ( Leicester ) इत्यादि, दक्षिण वेल्स (South Wales ), लिंकन-शायर ( Lincolnshire ) पश्चिमी समुद्रतट, स्काटलैंड, शैफील्ड ( Sl.effield ) इत्यादि, स्टेफर्डशायर (Stafford-shire ) इत्यादि । ब्रिटेन के कन्चे लोहे की मांग देश की खानों से ही पूरी नहीं हो जाती । लगभग एक चौथाई कच्चा लोहा ब्रिटेन को विदेशों से मँगाना पड़ता है। यह ध्यान में रखने की बात है कि अधिकांश खानों में घटिया लोहा निकलता है । इस कारण हैंमैटाइट ( Hematite ) लोहा. बाहर से मैंगाया जाता है। ब्रिटेन की अधिकांश लोहे की खानों में से निकले कन्चे लोहे में २५ से ३० प्रतिशत शुद्ध लोहा होता है । परन्तु कोयले की खानों के समीप होने के कारण यह घटिया लोहा काम में लाया जा सकता है। ब्रिटेन में स्टील केवल उन्हीं प्रदेशों में तैयार किया जाता है जहाँ कि अच्छा कोयला मिलता है । दक्षिण वेल्स, उत्तरी पूर्वी समुद्र तट, तथा स्काटलैंड स्टील बनाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। पश्चिमी समुद्र तट के सभीप उत्तम जाति का कोयला न मिलने के कारण स्टील का धन्धा उन्नति नहीं कर सका। वहीं अधिकतर पिग पायरन ही बनता है। पिछले योरोपीय महायुद्ध (सन् १९१४-१८) में यहाँ के कारखानों ने अधिक से अधिक लोहा और स्टील बनाना शुरू किया। तबसे यहाँ यह पन्या बहुत बढ़ गया है । विग आयरन की उत्पत्ति इतनी अधिक नहीं बढ़ी जितनी की स्टील की । इस कारण बाहर से लोहा मंगा कर तथा पुराने लोहे । टूटी फूटी लोहे की चीज़ों) से स्टील बनाया जाता है। १६३६ में पारम्भ होने वाले द्वितीय महायुद्ध के पूर्व ब्रिटेन के सामने एक समस्या
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