पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४४६

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शक्ति के श्रोत

शक्ति के श्रोतः ४३५. सभी अल-प्रपातो.तपा शक्ति-गृहों में उत्पन्न होने वाली बिजली एक बिजली को बड़ी लाइन ( Electric Grid ) से संबंधित कर दी गई है जिसके द्वारा संयुक्तप्रान्त के पश्चिमी जिलों को बिजली दी जाती है। सहारनपुर, मुज़फ्फर नगर, मेरठ, बुलंदशहर एटा, अलीगढ़, आगरा, बिजनौरं तथा मुरादाबाद जिलों को बंगा-ग्रिड-योजना की बिजली मिलती है। गंगा-ग्रिड योजना का महत्व इसलिए है कि इसके द्वारा उन जिलों में भी सिंचाई हो' रही है जिनमें नहरें नहीं थीं । गङ्गा नहर की अनूपशहर शाखा में पानी बहुत कम रहता था। इस कारण उससे ठीक तरह से सिंचाई नहीं होती थी। अब बिजली के द्वारा कालिद्रो नदी का जल इस नदी में डाल दिया जाता है । इस प्रकार नहर में यथेष्ट जल हो जाने से सिंचाई अच्छी तरह से अधिक क्षेत्र में हो सकती है। इसके अतिरिक्त गंगा-ग्रिड-योजना से उत्पन्न होने वाली बिजली के द्वारा ही ट्यूब वैल से सिंचाई होती है। इसके अतिरिक्त कावेरी के मैटूर बाध से निकलने वाली नहरों के जल से'तथा कावेरी के मुहाने में नहरों के जल से मी बिजली उत्पन्न की जाती है। भारतवर्ष के अधिकांश पहाड़ी रथानों पर जल विद्युत् उत्पन्न की जाती है क्योंकि वहाँ जल-प्रपात होते हैं और वहाँ कोयला श्रासानी से नहीं पहुँच सकता । श्रतएव जल-विद्युत् उत्पन्न करना वहाँ आवश्यक तथा सुविधा- जनक होता है। ऊपर के विवरण से ज्ञात होगा कि भारतवर्ष में अभी बहुत कम जल- विद्युत् उत्पन्न हुई है। जब तक भारतवर्ष में औद्योगिक उन्नति नहीं होती तब तक यहाँ जल-विद्युत् भी अधिक उत्पन्न नहीं की जा सकती। अनुमानतः भारतवर्ष में जितनी जल-विद्युत् उत्पन्न की जा सकती है। उसकी चार .. प्रतिशत से भी कम उत्पन्न की गई है। भविष्य में भारतवर्षः में श्रौद्योगिक उन्नति के साथ साथ शक्ति की मांग बहुत बढ़ . जायेगी।'- कोयले पैट्रोलियम. की दृष्टि से देश निर्धन है। श्रतएव-देश की,मावी औद्योगिक उन्नति बहुत कुछ जल-विद्युत् पर ही निर्मर रहेगी। भारतवर्ष में इस समय ३५ लाख किलोवाट से अधिक बिजली नहीं उत्पन्न हो रही है जबकि संयुक्तराज्य अमेरिका में एक-खरब १५ अरब २ किलो. वाट, जर्मनी में ५५ घरब किलोवाट, वृटिन में ३१ अरब किलोवाट, कनाडा में २६ अरब किलोवाट, और फ्रांस में २०:अरब किलोवाट बिजली उत्पन्न होती है। इन देशों की तुलना में हमारे देश में बिजली की शक्ति बहुत --