पच्चीसवाँ परिच्छेद पाकिस्तान का आर्थिक भूगोल १५ अगस्त १९४७ को भारतवर्ष स्वाधीन हो गया किन्तु साथ ही साप भारतवर्ष की एकता नष्ट हो गई और उसको विस्तार दो स्वतंत्र राष्ट्रों में विभाजित कर दिया गया । पश्चिमीय पंजाब, सीमाप्रान्त, बलूचिस्तान, सिंघ और पूर्वीय बंगाल तथा आसाम का सिलहट का अधिकांश जिला पकिस्तान में सम्मिलित कर दिए गए। शेष सारा देश हिन्दोस्तान के अन्तर्गत रहा। भौगोलिक दृष्टि से पाकिस्तान दो भागों में बंट गया है। पश्चिमीय पाकिस्तान और पूर्वीय पाकिस्तान पश्चिमीय पाकिस्तान और पूर्वीय पाकिस्तान में १ हजार मील से अधिक का अन्तर है। पश्चिमीय पाकिस्तान में पश्चिमीय पंजाब, सीमाप्रान्त, बलूचिस्तान तथा विंध सम्मिलित हैं। पूर्वीय पाकिस्तान में पूर्वीय बंगाल तथा आसाम का सिलहट का जिला सम्मिलित है पंजाब के नीचे लिखे जिस्ले पश्चिमीय पाकिस्तान में सम्मिलित कर दिए गए हैं:-गुजरानवाला, लाहौर, शेखूपुर, सियालकोट, अटक, गुजरात मेलम, मियावली, रावलपिंड़ी, शाहपुरा, हेरागाजीखां, झंग, लायलपूर, मांटगोमरी, मुलतान, मुजफफरगढ़, गुरदासपूर का माग | .पूर्वीय-बंगाल के नीचे लिखे जिले पूर्वीय पाकिस्तान में चले गए हैं। चटगाँव, नोश्राखाली, टिप्परा, वाफरगंज, ढाका, मेमनसिंह, जैशोर, मुर्शिदाबाद, नदिया, फरीदपूर बोगरा, दीनाजपुर, :माल्दा, पवना, राजशाही, रंगपूर, और आसाम का सिलहट का भाग । बंगाल का कुल क्षेत्रफल (७७ हजार वर्ग मील) में से ५१ हजार वर्ग मील क्षेत्रफल पूर्वीय बंगाल के रूप में पाकिस्तान में चला गया। शेष २६ हजार वर्ग माल पश्चिमीय बंगाल के रूप में . हिन्दुस्तान में रह गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि लगभग १६ प्रतिशत बंगाल पाकिस्तान में चला गया। पंजाब का कुल क्षेत्रफल १९ हजार वर्ग मील था जिसमें ६२ हजार वर्गमील भूमि पश्चिमीय पंजाब के रूप में पाकिस्तान में चली गई । इसका वर्ष यह हुआ कि लगभग ६२ प्रतिशत से कुछ अधिक पंजाब का प्रदेश -
1