पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१६०

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मोरधना से मुखामत लिमें मापने अपने पाप से बदबर समगा। भाप पर मुझे नित दर पग पर भाप इसी से समझ लीमिए कि भाप मेरे हुए रसो से मैंने भानन-फानन र उसे सूरत पिसेको प्रसारमे मे दिया है, वो प्रमाण में नारी पर गाजर हमारा पररररे। मुदा रमाये मुगर पूरी परेगा। नईमरे देते । मुमे भाप पारे पर पूरा पडोन स्मीनाम है" ३२ मौरजुमला की शह मुहम्मद सुपवान मीरशुमारे पास से निगरा और रोकर तोय | मन समोसा साईप्रति लिया। और उसने शोगाममे ईपी प्रापान में मरम्मर सुजवान की मार काटे र मा-"मैं शाम सेवनR प्रोग्राम। म में उतरे बात मान सस्वा न मर र हवा पोकि गारयार सलामत निन्दा है और उनके मरमे की समर मुनी पर मुफे मिल को "गमनीति से प्रभाव मुहम्मद नवान का पुस्ता मुनम तौल रहा। चोर बाजारवा हुमा तोर पहा । मीनुमता मे माम्मद मोगरवासिये एक मी दिपा। पत्र में उसने सिमा वा-याची रिहा दोष और बसे रोम मेरा सवाबाद माना नहीं हो सका। प्राया की माप पीन पाए, मम भागरे से अभी इस मममून की वारी भरपाई विचार नव बिन्दा सिवा सहप्रवमी। किया मेरे प्रहलोमपात राग शिप में, हब मेधारा परीकनही सवाश मेरी प्रतक्ष मणको माम मामे में रती मी तरपार न हैं।" पार पाभाष औरम्प ने घर पर बन पदा यो पर मुस्कप