पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२१७

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सिमगीर तो वोगावोपरि मे बी पहाड़ी पर तोपों प्रेफिन पदार बसन्त सिरकी सेना के मम माम पर गोलों की मारी मार करनी भारम्ममा अब शादी और एकबरे मार्ग पर लिकर गौ। मेनके दोनों पोर पारीवारों और दमा पी। शाही प्रेम जीवा से पर भी मसती दी। माअपनी सेना प्रमाग भेना और पौरपरिमागे पदवे देस बसपम्त सिबी प्रधान सेना पक्ष से रापनि यतोदिया, मुबान सिता, और अमरबि पमा अपनी-अपनी सेना र माग को हुए। इसी समय मुरार मेन्या मेकर बात सिंह के पड़ाव पर पापा शरिचार रणभूमि निपदीपा । बाँध रपा देवी बिपुगेका मोरम से मिस गया। अब मुपर मे दहर र पवपूर्वो पाएँ तर बोबार शामय दिया। पोसी ही रे में इस माम प्रयाही सेनारवि रफ्तारामारा पया और पा पादरममा । मा पाही सेना दोनों ही पार गए । कासिम कमीता रसा अपनी सेना सहित पमाणा रेस राया। अरबो पोरसायन के उठने पदवे बेला-कोवा सेना समेत माग सामा! प्रय बसपात निधनाचे दाहिनी भोर से प्रौरबाये, कई बार से हेयर और सामने से सपतिकमा में रोष लिया और परपूर्व मिनात प्रभार पर सिया से भाप गती मारकर विपर और। पहाँ गा पनि पामरयापदमरमा परिवत माथेमा पुर। मारे समय रेस पारगति पाने मागे पदे। पर उन नमियो मे पोहे सगाम पानी और गे समारोह में पुरभूमि से विमुखर पर मोहो। मन्दोन नगरसेपुर गाली और बाबा से भरपूर, मूब पाव और पार से पूर शेषपुर पिके घर पर पहुँ, उमर बाप रेप मा पोसा।