पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२४३

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PR पाशमीर पद रित इस बाव,भ पा कि पहबों से भागे बदायर पर माक्रमरा नहीं करेगा-प्रस्पुत्र वहीं बम पर मुसाविता करेगा। तोय,ममते दी पियावपाविमों का सरदार सलीना मा पोह गतामा राग के धममे भाग और बारम्पार प्रेनिंग परवा पा बोहा-"परत, फटा मुघरफहमने बिना एक माँ अपने सिपाहिल असून बहाए अपनी पोप में पुश्मन के एक मारी हिस्से में मि और न के नीचे मुखा दिपा है। परमन में मुजारिशेप दम नही दुर पहरा सी हिम्मत और विनेरी दरवार है। वोप जाने पर बारी रसमे अब कुछ बारव नी। प्रमावो में मागे पद पर पुरमन पर एभम हमला बोल देना पाहिए।" रारा इस विधासबादी के बावपेच समझने की योग्यता नही रखवाया। उसने तुरन्त तोपों प्रमर भर देने की प्रामरी और सेनापति रस्वम को बुखान उसकी म मौनी । बलम भो एक वीर और एचा सेनापति पा | उसनेमा-- "सर, पह तमीज निहायत नाक। पावर मी हम हम पी पार देखें कि कुश्मन हम पर हमला करे। हमारी पौत्र- मुखीर और मनमम ।। पर पुरमन पद कर पाएगा, हम पूरी वार से उसका मुचरितारेंगे और उसे पानात र गगे।" परस्त सही और बहुमत सम्मवि का मथक उलाए ततीसुखामा मेमा-"मुझे स्वम को बैसे बहादुर सिपहसाचार से पा उम्मीर म पौकिपा अपने मासिकको ठीक तरकबा कि फवा उसके ननदीकऐठी पुनविताना पप देगा। मनमो समानों देती है। हम हम्बार करना स्पा माने। प्रथी, पर मारी तोपों मे दुश्मनी तो पापमा रवि वो किर. पाकिमरे हुए पोमोसोर भागे बदकर उसे न सरे" पाप मे फिर बस्त्रमा एक राग मी मी मना । उत्तने उसे अपने