सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:उपयोगितावाद.djvu/८३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

चौथा अध्याय।

उपयोगिता के सिद्धान्त की पुष्टि में किस प्रकार का प्रमाण दिया जासकता है।

यह पहिले भी बताया जा चुका है कि अन्तिम उद्देश्यों से सम्बन्ध रखने वाले विषयों का साधारण अर्थ में प्रमाण नहीं दिया जा सकता। सारे मूल सिद्धान्त, विज्ञान ( Knowledge ) तथा आचार के मूल पूर्वावयव ( First Premises ) हेतु देकर प्रमाणित नहीं किये जासकते। किन्तु मूलसिद्धान्त वास्तविकता लिये होते हैं, इस कारण वास्तविकता को परखने वाली शक्तियों अर्थात् ज्ञानेन्द्रियों तथा आन्तरिक चेतना के द्वारा उनका निर्णय हो सकता है। क्या प्रक्रियात्मक उद्देश्यों से सम्बन्ध रखने वाले विषयों का भी ज्ञानेन्द्रियों तथा आन्तरिक चेतना के द्वारा निर्णय हो सकता है? या और किस प्रकार उनकी वास्तविकता जांची जा सकती है?