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(१)
वेश्या की लड़की

वेश्या की लड़की

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छाया प्रमोद की सहपाठिनी थी। प्रमोद, नगर के एक प्रतिष्ठित और कुलीन ब्राह्मण परिवार का लड़का था। और छाया- छाया थी नगर की एक प्रसिद्ध नर्तकी की इकलौती कन्या। नगर में एक बहुत बड़ा राधाकृष्ण का मंदिर था, जहाँ न जाने कितना सदाव्रत रोज बँट जाता था; सैकड़ों साधु-संत मंदिर में पड़े-पड़े भगवद्भजन करते; मनमाना भोजन करते और करते मनमाना अनाचार। छाया की माँ इसी मंदिर की प्रधान नर्तकी थी। मंदिर को छोड़कर दूसरी जगह वह गाने-बजाने कभी न जाती। मंदिर के प्रधान पुजारी की उस पर विशेष कृपा थी, इसीलिए उसे किसी बात की कमी न थी। गंगा के किनारे उसकी विशाल कोठी थी, जहाँ से सदा संगीत की मधुर ध्वनि आया