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पृष्ठ:उपहार.djvu/७५

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अभियुक्ता

[१]

मजिस्ट्रेट मिस्टर मिश्रा की अदालत में एक बड़ा ही सनसनीदार मुकद्दमा चल रहा है। अदालत में खूब भीड़ रहती है। मामला एक बीस बरस की युवती का है, जिस पर बैरिस्टर गुप्ता के लड़के के गले से सोने की जंजीर चुराने का अपराध लगाया गया है। एक तो वैसे ही, किसी स्त्री के अदालत में आते ही न जाने कहाँ से अदालत के आस-पास मनुष्यों की भीड़ लग जाती है, और यदि कहीं स्त्री सुन्दर हुई, फिर तो भीड़ के विषय में कहना ही क्या है? आदमी इस तरह टूटते हैं जैसे उन्होंने कभी कोई स्त्री देखी ही न हो। इसके अतिरिक्त मजेदार बात यह भी थी कि बैरिस्टर गुप्ता स्वयं इस मामले में गवाही देने के लिए अदालत में आये थे।