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पृष्ठ:कबीर ग्रंथावली.djvu/४२

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को दिया गया, औरों ने तो दूध पी लिया, पर कबीर ने अपने हिस्से का रख छोड़ा। पूछने पर उन्होंने कहा कि गंगा पार से एक साधु आ रहे हैं; उन्हीं के लिये रख छोड़ा है। थोड़ी देर में सच- मुच एक साधु मा पहुँचा जिससे अन्य साधु कबीर की सिद्धई पर आश्चर्य करने लगे। उसी दिन से लोई उनके साथ हो ली। ___ कबीर की संतति के विषय में भी कोई प्रमाण नहीं मिलता। कहते हैं कि उनका पुत्र कमाल उनके सिद्धांतों का विरोधी था। इसी से कबीर ने कहा है- डूबा वंश कबीर का, उपजा पूत कमाल । हरि का सुमिरन डि के, घर ले आया माल ।। इस दोहे के भी कबीर-कृत होने में संदेह ही है। परंतु कमाल के कई पद ग्रंथ-साहब में सम्मिलित किए गए हैं। ___कबीर के विषय में कई आश्चर्यजनक कथाएँ प्रसिद्ध हैं जिनसे उनमें लोकोत्तर शक्तियों का होना सिद्ध किया जाना है। महा- __ त्माओं के विषय में प्राय: ऐसी कल्पनाएं की अलौकिक कृत्य व ही जाती हैं। यद्यपि इस युग में इस प्रकार की बातों पर शिक्षित और समझदार लोग विश्वास नहीं करते; परंतु फिर भी महात्मा गाँधी के विषय में भी असहयोग के समय में ऐसी कई गप्पे उड़ो थीं। अतएव हम उन सबका उल्लेख करके व्यर्थ ही. इस प्रस्तावना का कलेवर बढ़ाना उचित नहीं समझते । यहाँ एक ही कथा दे देना पर्याप्त होगा जिसके लिये कुछ स्पष्ट प्राधार भी है। ____ कहते हैं कि एक बार सिकंदर लोदी के दरबार में कषोर पर अपने आपको ईश्वर कहने का अभियोग लगाया गया। काजी ने उन्हें काफिर बताया और उनको मंसूर हल्लाज की भांति मृत्यु दंड की आज्ञा हुई । बेड़ियों से जकड़े हुए कबीर नदी में फेंक दिए गए । परंतु जिन कबीर को माया मोह की शृंखला न बाँध सकती थी,